कानपुर: जिस 75 साल की उम्र में लोग रिटायर होकर आराम करने लगते हैं, उस उम्र में बसंत बिहार निवासी रामगोपाल ताइक्वांडो की वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लेने का अभ्यास कर रहे हैं. 75 साल की उम्र होने के बावजूद वह इस खेल में अपनी एक अलग पहचान बना चुके हैं. देश नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ताइक्वांडो में उन्होंने कई पदक हासिल कर शहर का मान बढ़ाया है.
ईटीवी भारत से ख़ास बातचीत में रामगोपाल ने बताया कि बचपन से ही उनका खेल के प्रति लगाव था. उन्होंने दूरसंचार विभाग में नौकरी ज्वाइन की , फिर खेल क़ी दीवानगी उनको ताइक्वांडो के पास ले गई और उन्होंने 1983 से ताइक्वांडो की प्रैक्टिस करनी शुरू कर दी.
साल 2007 में वह रिटायर हुए. उसके बाद से उनका असली सफर शुरू हुआ, रिटायरमेंट के बाद जहां आदमी सारी चीजों से दूर आराम करने की सोचता है, वहां पर राम गोपाल ने एक नया मिशन ठाना और देश का नाम ताइक्वांडो में विश्व स्तर पर ऊंचा करने का सपना लेकर वह ताइक्वांडो की तैयारी करने में जुट गए. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. पहले स्टेट लेवल पर गोल्ड जीता उसके बाद नेशनल लेवल पर गोल्ड और फिर कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों में उन्होंने पदक जीते.