कैदी तैयार कर ध्वज और मिट्टी की दीये. कानपुर/फतेहपुर :अयोध्या में 22 जनवरी को प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. कार्यक्रम को लेकर पूरे देश में उत्साह है. हर कोई किसी न किसी तरह से कार्यक्रम में योगदान देने में लगा है. इसी कड़ी में कानपुर जिला कारागार के कैदी भी राम ध्वज और मिट्टी के दीये तैयार कर रहे हैं. तैयार होने के बाद इन्हें अयोध्या भेजा जाएगा.
कोने-कोने से पहुंच रही श्रीराम के लिए भेंट :अयोध्या में प्रभु श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को लेकर चारों तरफ खुशी का माहौल है. ऐसे में कोने-कोने से प्रभु श्री राम के लिए सामग्री अयोध्या पहुंच रही है. कानपुर जिला कारागार कैदी भी इस प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में अपना सहयोग दे रहे हैं. उन्होंने भी फैसला किया है कि वह मिट्टी के दिए और ध्वज पताका तैयार करके अयोध्या भेजेंगे. इसके लिए उन्होंने काफी तेजी के साथ मिट्टी के दीये व सिलाई मशीन के जरिए ध्वजा पताका तैयार करना शुरू कर दिया है. जेल प्रशासन के द्वारा भी कैदियों इस कार्य के लिए पूरा सहयोग किया जा रहा है. जेल प्रशासन ने ध्वज पताका और मिट्टी के दीये बनाने के लिए कैदियों को जिस भी सामग्री की आवश्यकता है, उसे उपलब्ध करा दिया है.
कैदी तैयार कर रहे मिट्टी के दीये. तैयार किए जा रहे 2100 राम ध्वज :इस पूरे मामले में जेल अधीक्षक बीडी पांडे ने बताया कि 22 जनवरी को प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा समारोह है. उसको देखते हुए कैदियों ने यह इच्छा जाहिर की कि उनके द्वारा राम पताका और मिट्टी के दीये तैयार करके अयोध्या भेजा जाए. जेल प्रशासन के द्वारा इसको लेकर पूरी व्यवस्था कैदियों को कर दी गई है. कैदियों के द्वारा 2100 राम ध्वज पताका और 5100 मिट्टी के दिए तैयार किया जा रहे हैं. जिनको तैयार होने के बाद अयोध्या भेजा जाएगा. जिससे वह भी इस प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में अपनी भागीदारी दर्ज करा सके.
फतेहपुर मेंजेल के कैदी प्रसाद वितरण के लिए बना रहे कपड़े के थैले :फतेहपुर जिले में रामलला की भक्ति में डूबे जेल में बंद हिन्दू-मुस्लिम बंदी, राम मंदिर उद्घाटन में अपनी सहभगिता निभाने के लिए रामनामी कपड़े के प्रिंटेड थैले बना रहे हैं. तैयार होने के बाद इन्हें अयोध्या भेजा जाएगा. जेल में कैदी सिलाई मशीन से ये थैले तैयार कर रहे हैं. जेल अधीक्षक मोहम्मद अकरम खान ने बताया कि अयोध्या में 22 जनवरी को आयोजित होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर बंदियों में काफी उत्साह है. इस गौरवशाली और ऐतिहासिक उत्सव पर हमारे बंदी भी अपना योगदान करना चाहते हैं. भगवा रंग का रामनामी थैला हिदू-मुस्लिम पुरुष व महिला कैदियों की ओर से तैयार किया जा रहा है. बंदियों का कहना है कि उनकी भी भगवान राम में बहुत श्रद्धा है. अगर बाहर होते तो मंदिर जाकर दर्शन करते लेकिन जेल में अंदर होने के कारण यहीं से वे अपना सहयोग देना चाहते हैं. वहीं मुस्लिम बंदियों का कहना था कि राम तो सब के हैं हमारी आस्था भी राम में है. 22 जनवरी को जेल के अंदर ही उत्सव मनाएंगे.
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