उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

कानपुर: पिंटू सेंगर हत्याकांड में पुलिस की कार्यशैली पर क्यों उठ रहे सवाल - pintu sanger

बसपा नेता पिंटू सेंगर के हत्याकांड मामले में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. कोर्ट ने आरोपियों को बेकसूर बताने वाली पुलिस की विवेचना को नकार दिया है. वहीं डीआईजी डॉ. प्रतिन्दर सिंह ने मामले में पुलिस की फजीहत होता देख सीओ कैंट की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया है.

etv bharat
थाना.

By

Published : Oct 10, 2020, 7:16 AM IST

कानपुर:बसपा नेतापिंटू सेंगर हत्याकांड मामले में कुछ नामजद आरोपियों के नाम पुलिस ने अपनी तफ्तीश में सबूत होने के बावजूद भी बाहर कर दिया है. वहीं पुलिस चार्जशीट दाखिल करने के बाद भी दो और लोगों को क्लीन चिट देना चाहती है, जबकि कोर्ट ने आरोपियों को बेकसूर बताने वाली पुलिस की विवेचना को नकार दिया है. वहीं दूसरी ओर डीआईजी डॉ. प्रतिन्दर सिंह ने मामले में पुलिस की फजीहत होता देख सीओ कैंट की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया है.

मामले की जानकारी देते पिंटू सेंगर के भाई.

गौरतलब है कि बीती 20 जून को थाना चकेरी क्षेत्र अंतर्गत जाजमऊ में दिनदहाड़े बसपा नेता पिंटू सेंगर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने एफआईआर में नामजद आरोपी महफूज अख्तर का नाम विवेचना से हटा दिया है. वहीं पुलिस ने ही अपनी जांच में जो सीडीआर लगाई है, उसमें महफूज अख्तर शूटर समेत दूसरे अरोपी से पोन पर बात करने की पुष्टि कर रही है. वहीं दूसरे कारनामें की बात की जाए तो पुलिस ने पहले मनोज गुप्ता और वीरेंद्र पाल को मुख्य अरोपी बना कर जेल भेज दिया था. अब पुलिस दोनों को पूरे मामले पर क्लीन चिट देने की कवायद में जुटी हुई है.

पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 169 के तहत कोर्ट में रिपोर्ट दी है कि मनोज और वीरेंद्र के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं है, लेकिन कोर्ट ने पुलिस की इस रिपोर्ट को निरस्त कर दिया है. इतना ही नहीं थाना चकेरी पुलिस ने इंवेस्टिगेशन में भी कई कारनामे किए हैं. पुलिस ने पूरी घटना में सामने आ रहे कई वकीलों और अन्य लोगों के नाम भी विवेचना में पहले ही हटा दिए हैं. अब पूरे मामले पर थाना चकेरी पुलिस की कार्यशैली को देखते हुए डीआईजी ने पूरे मामले की जांच के लिए जिम्मेदारी सीओ कैंट को सौंपी है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details