कानपुरः तीन दिनों का महापर्व छठ दिवाली के छठे दिन मनाया जाता है. छठ की शुरुआत 'नहाय खाय' से होती है. इस साल 31 अक्टूबर को 'नहाय खाय' मनाया जाएगा. इस दिन छठ करने वाला व्यक्ति स्नान करने के बाद नए कपड़े पहनता हैं. 'नहाय खाय' के दिन इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि खाने में किसी भी प्रकार के मसाले, लहसुन और प्याज का उपयोग न हो.
छठ पूजा के 'नहाय खाय' से लेकर 'सूर्योदय के अर्घ्य' के बारे में जानिए सब कुछ - तीसरे दिन 'उगते हुए सूर्य को अर्घ्य'
उत्तर प्रदेश के कानपुर में छठ पूजा की तैयारी जोरों पर है. छठ की शुरुआत दीवाली के छठे दिन होती है. आइए जानते हैं छठ पूजा की तिथि और मुहूर्त.
छठ पूजा की तैयारी जोरों पर.
पहला दिन होता है खरना
छठ के पहले दिन 'खरना' होता है. खरना के दिन छठ करने वाला व्यक्ति पूरे दिन का उपवास रखकर शाम के वक्त खीर और रोटी बनाता है. इस बार खरना एक नवंबर को मनाया जाएगा. खरने के प्रसाद में चावल, दूध के पकवान, ठेकुआ बनाया जाता है, जिसके साथ ही फल सब्जियों से पूजा भी की जाती है.
छठ के दूसरे दिन यानी शाम के वक्त अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस बार शाम का अर्घ्य 2 नवंबर को किया जाएगा. छठ व्रती पूरे दिन निर्जला व्रत कर शाम को अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य देती है. इस दिन नदी या तालाब में सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है.
तीसरे दिन 'उगते हुए सूर्य को अर्घ्य'
तीसरे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. अर्घ्य देने के बाद लोग घाट पर बैठकर विधिवत तरीके से पूजा पाठ करते हैं, फिर आसपास के लोगों को प्रसाद वितरण करते हैं. इस बार 3 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.