कानपुर: जिले के बिकरू गांव में दो जुलाई को कुख्यात अपराधी विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया था. इस हमले में पुलिस के आठ जवान शहीद हो गए थे, जबकि कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. वहीं पुलिस मुठभेड़ का मुख्य आरोपी विकास दुबे हमले की रात को फरार हो गया था, जिसकी गिरफ्तारी के पुलिस की 40 टीमें लगी हुई थीं.
मध्यप्रदेश पुलिस ने नौ जुलाई को आरोपी विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया था. मध्यप्रदेश पुलिस ने शुरूआती पूछताछ के बाद विकास के यूपी पुलिस को सौंप दिया था. यूपी एसटीएफ आरोपी विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर लेकर आ रही थी. एसटीएफ टीम गाड़ी थाना सचेंडी क्षेत्र के हाइवे पर जैसे पहुंची कि तभी अचानक जानवरों के झुंड गाड़ी के सामने आ गया. इसके बाद विकास दुबे को लेकर आ रही गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट जाती है. इसी दौरान मौके का फायदा उठाकर आरोपी विकास दुबे एसटीएफ की टीम से सरकारी पिस्टल छीनकर भागने लगता है. क्राइम सीन के अनुसार एसटीएफ की टीम ने विकास दुबे को रुकने का इशारा किया, जिस पर विकास ने सामने एसटीएफ जवानों पर गोली चला दी. वहीं जवाबी कार्रवाई करते हुए एसटीएफ की टीम ने कई राउंड फायरिंग की, जिसमें तीन गोलियां विकास दुबे के सीने में लगी और वो ढेर हो गया.