कानपुर: मानव अंग प्रत्यारोपण का काला कारोबार उजागर होने के बाद कानपुर पुलिस 13 वाछितों की तलाश कर रही है. मामले के खुलासे के बाद से पुलिस अभी तक किसी को भी पकड़ नहीं पाई है. मामले में दिल्ली के दो प्रमुख अस्पतालों के कोआर्डिनेटर की संलिप्तता भी सामने आई है. फोर्टिस और पीएसआरआई हॉस्पिटल के कोआर्डिनेटर को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की टीम दिल्ली पहुंच गई है.
कानपुर किडनी रैकेट: आरोपियों को गिरफ्तार करने में नाकाम है यूपी पुलिस - डॉ केतन
मानव अंगों के यह कारोबारी झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों को अपने जाल में फंसाकर दिल्ली ले जाते थे और उनकी किडनी व लीवर निकालकर 30 से 80 लाख में बेच देते थे. इस सौदेबाजी में डोनर को 4 लाख रुपए दिए जाते थे और बाकी बिचैलियों के बीच बंट जाता था.
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पुलिस गिरोह के मास्टरमाइंड डॉ केतन के बारे में कोई सुराग नहीं लगा पाई है. डॉ केतन केवल देश में नहीं बल्कि विदेशों में भी किडनी ट्रांसप्लांट के कई केस करा चुका है. पिछले दिनों किडनी ट्रांसप्लांट के मामले में पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया था. इसके बाद इस गिरोह के पूरे देश में फैले होने की बात सामने भी आई थी. एसएसपी अनंत देव ने बताया कि पुलिस की टीमों ने कई जगह पर छापेमारी की, लेकिन वांछित अभियुक्त गिरफ्तार नहीं हो सके.