कानपुर: लैब टेक्नीशियन संजीत अपहरण कांड में 26 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस सिर्फ हाथ मलती नजर आ रही है. इस दौरान परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. परिजनों की आंखों में सिर्फ संजीत को देखने की आस नजर आ रही है. पुलिस की कार्यशैली से न सिर्फ परिजन नाराज हैं, बल्कि सिस्टम के खिलाफ भी उनमें गुस्सा है.
जानकारी जुटा रही पुलिस
कानपुर के बर्रा 5 निवासी लैब टेक्नीशियन संजीत का अपहरण पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के ट्वीट करने के बाद सियासी दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. इस मामले में शिथिलता बरतने को लेकर बर्रा इंस्पेक्टर रणजीत राय को हटाकर सर्विलांस सेल के प्रभारी हरमीत सिंह को चार्ज दिया गया है. अब पुलिस अधिकारी पारिवारिक संपत्ति विवाद समेत तमाम बिंदुओं पर जानकारी जुटा रहे हैं.
पुलिस ने बयान बदलने के लिए कहा था
परिजन बार-बार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं. संजीत की बहन का कहना है कि पुलिस के द्वारा उसका बयान बदलवाने के लिए कहा गया था. भाई की सही सलामत बरामदगी कहकर पुलिसकर्मियों ने जबरन उससे 30 लाख की फिरौती वाला बयान बदलवाया था. फिर भी उसकी बहन अपने पहले वाले बयान पर कायम है. संजीत की बहन का कहना है कि पुलिस की नाक के नीचे से बदमाश 30 लाख फिरौती ले गए. रुचि ने कहा कि उसने पुलिसकर्मियों से कहा भी था कि बैग में लोकेशन की चिप लगवा दी जाए, जिससे अपराधियों की लोकेशन का पता चल सके, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसकी बात नहीं सुनी. इसके चलते बदमाश आसानी से 30 लाख लेकर फरार हो गए और भाई का कोई अता-पता नहीं है.
जानिए कब क्या हुआ था
22 जून की रात हॉस्पिटल से घर आने के दौरान संजीत का अपहरण हुआ.