कानपुरः चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में विकास दुबे और पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में 8 पुलिस वालों की हत्या के मामले में एसटीएफ की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस की दबिश से करीब साढ़े सात घंटे पहले एक दरोगा की और करीब 40 मिनट पहले एक सिपाही से दहशतगर्द विकास दुबे की बातचीत फोन पर हुई थी. जिन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है, उसमें ये दरोगा-सिपाही भी शामिल हैं.
इन दोनों ने किया था फोन
एसटीफ की जांच में इन्हीं दोनों के जरिये विकास को दबिश की जानकारी हुई. चौबेपुर एसओ ने बात की है या नहीं इसकी जांच जारी है. पुलिस पर लगे मुखबिरी के आरोप की जांच एसटीएफ अपने स्तर से कर रही है. एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक हलका इंचार्ज दरोगा कृष्ण कुमार शर्मा की 2 जुलाई की शाम करीब 5:30 बजे विकास दुबे से फोन पर बातचीत हुई थी.
सूचना के बाद हुई दबिश
उसके बाद दबिश से लगभग चालीस मिनट पहले 12:11 बजे सिपाही राजीव की विकास दुबे से फोन पर बात हुई. ये बातचीत कुछ मिनटों की है. दो बार बातचीत के बाद दबिश दी गई और पुलिस पर हमला हुआ तो निश्चित है कि दबिश की सूचना बदमाश को पहले दे दी गई थी. एसटीएफ सूत्रों से ये साफ है कि दोनों पुलिसकर्मियों ने विकास दुबे से फोन पर बात की. अफसर इन पुलिसकर्मियों की डिटेल और खंगाल रहे हैं.
आ गए तो लाशें बिछा देंगे...
एसटीएफ के अफसरों ने जब इन पुलिसकर्मियों के सामने बदमाश से हुई फोन पर बातचीत के साक्ष्य रखे तो इनकी हालत खराब हो गई. दारोगा का कहना था कि वो धमकी दे रहा था, गालियां दीं और बोला कि अगर आ गए तो लाशें बिछा देंगे. ये दारोगा का रटारटाया बयान है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक खुद को बचाने के लिए दारोगा ऐसा बोल रहा है. एसटीएफ कॉल रिकॉर्डिंग की गहनता से जांच कर रही है.