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कानपुर के पार्क बने तालाब, गंदगी में जीने को मजबूर हुए लोग

कानपुर जिले एक वार्ड जहां के लोग गंदगी में रहने को मजबूर है. वहीं शिकायत करने पर अधिकारी सुनते नहीं और पार्षद को जनता जानती नहीं. ऐसे में जिन पार्को में सुंदरीकरण होना चाहिए था वहां तो गंदगी का डेरा है. हल्की बारिश होते ही पार्क तालाबों में तब्दील हो जाते हैं. पार्को में भरे गंदें पानी से बीमारियों का खतरा बना रहता है.

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Published : Jun 17, 2021, 2:09 PM IST

नालियों का पानी पार्क में जमा
नालियों का पानी पार्क में जमा

कानपुर : जिले के दक्षिण कर्रही के वार्ड नं. 70 में कई पार्को के हाल बेहाल हैं. जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. यहां हल्की बारिश होते ही पार्क तालाब में तब्दील हो जाता है. गंदगी का अंबार लगा हुआ है. लोगों ने पार्क को कूड़ा घर बना रखा है. वहीं नालियों का पानी पार्क में जमा हो जाता है. जिस पार्को में बच्चे खेलते हैं उनमें आवारा जानवरों का डेरा रहता है और नाली का गंदा पानी भरता है. इससे लोगों को बीमार होने का खतरा बना रहता है.

कई बार नगर निगम के अधिकारियों को सफाई को लेकर अवगत कराया जा चुका है. लेकिन नगर निगम इस गंदगी की तरफ ध्यान भी नहीं दे रहा है. वहीं कई पार्क ऐसे भी हैं. जिसमें पार्क के चारों तरफ बनी हुई बाउंड्रीवाल गायब हो चुकी है. पार्क के आसपास के लोगों का कहना है कि लोग चंदा देकर सफाई करवाते हैं. लेकिन नालियों की सफाई न होने से ओवरफ्लो हो जाती है. जिससे नालों का पानी पार्क में भर जाता है.

गंदगी में जीने को मजबूर हुए लोग

स्थानी निवासी गोविंद त्रिवेदी ने बताया कि लगभग 20 साल हो गए उनको यहां रहते, लेकिन आज तक नाली और मेनहोल की सफाई नहीं हुई है. जगह-जगह मेनहोल के ढक्कन खुले पड़े हैं. जिसको लेकर कई जिम्मेदार अधिकारियों के साथ पार्षद से भी शिकायत की गई, लेकिन किसी ने भी नहीं सुनी. उन्होंने कहा कि कोरोना से इतने लोग ग्रसित रहे, लेकिन न ही नगर निगम और न ही पार्षद ने यहां किसी प्रकार का सैनेटाइजर का छिड़काव का कार्य कराया.

श्वेता तिवारी ने बताया की कई बार यहां के नाली और मेनहोल की सफाई सभी लोगों के चंदे के पैसे से कराई गई है. वहीं जब अधिकारी के पास शिकायत ले कर गए तो उनका जवाब था की कोरोना चल रहा है अभी नहीं हो सकता. वहीं सफाई कर्मी मनी राम आता है और देख कर चला जाता है. रामचन्द्र ने बताया कि यहां का पार्षद कोई नहीं है. सब भगवान भरोसे है. जब से हम लोग रह रहे हैं तब से यहां सफाई नहीं हुई है. वहीं लोगों ने चंदा देकर मिट्टी डलवाई है ताकि पानी न भरे.

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