कानपुरः ट्रूप कंफटर्स लिमिटेड की इकाई आयुध उपस्कर निर्माणी (Ordnance Equipment Factory) की ओर से विकसित बुलेट रेजिस्टेंस जैकेट (भाभा कवच) की पहली खेप असम पुलिस को सौंपी गई. निर्माणी सभागार में आयोजित समारोह में निर्माणी के अस्थाथी कार्यभार अधिकारी विजय कुमार चौधरी ने असम पुलिस के एसआई राम प्रसाद को बुलेट प्रूफ जैकेट सौंपी. इस जैकेट की खासियत है कि इस पर एके-47 की गोलियों का कोई असर नहीं होगा. 50 मीटर की दूरी से मारी गई 18 गोलियां इससे टकराकर टूट जाएंगी. इसी तरह नाइन एमएम पिस्टल से 10 मीटर की दूरी से चली गोली भी टूटकर गिर जाएगी. यह जैकेट जवानों को 360 डिग्री तक प्रोटेक्ट करने में सक्षम है.
उल्लेखनीय है कि असम पुलिस ने 164 जैकेटों का आर्डर दिया था, जिसे पूरा कर लिया गया है. वहीं, बिहार पुलिस ने भी 20 जैकेटों का आर्डर दिया है, जो इस साल के अंत में पूरा कर लिया जाएगा. अफसरों ने बताया कि जवान इन जैकेटों के जरिए नक्सलियों का और बेहतर तरीके से खात्मा कर सकेंगे.
अस्थायी कार्यभार अधिकारी ने बताया कि भाभा कवच (बुलेट प्रूफ जैकेट) को ट्रूप कंफर्ट्स लिमिटेड और मिदानी के द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया. भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर बार्क ने कार्बन नैनो ट्यूब टेक्नोलॉजी का ट्रांसफर ऑफ़ टेक्नोलॉजी के तहत मिदानी को सहयोग किया. इसकी गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर की है. बीआईएस लेवल पांच के साथ- साथ 360 डिग्री सामने, पीछे और साइड से जवानों को यह जैकेट सुरक्षा देती है. इसके साथ गर्दन और कंधे तक का बचाव किया जा सकता है. जैकेट का भार 9.3 किलोग्राम है. यह अब तक की सबसे हल्की बुलेट प्रूफ जैकेट है. जैकेट में दो मैगजीन के साथ-साथ दो ग्रेनेड पॉकेट भी हैं. इसमें दो आर्मर हार्ड और साफ्ट पैनल लगे हैं, जिनको जैकेट से निकाला जा सकता है. इस जैकेट को धोया भी जा सकता है. कम से कम पांच साल तक इसे उपयोग में लाया जा सकता है और इसे सामान्य रूम तापमान में स्टोर किया जा सकता है.