कानपुर:जिले में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए जिला प्रशासन ने पटाखों की बिक्री और जलाने पर रोक लगा रखी थी, लेकिन दिवाली की शाम होते-होते यह आदेश भी पटाखों के धुएं के साथ उड़ गया. प्रशासन द्वारा बनाई टीम भी आतिशबाजी को मूकदर्शक बन देखती रही. इसी के साथ कानपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 548 से अधिक हो गया.
जानकारी देते संवाददाता शुभम बाजपेई. जहरीली हो गयी शहर की हवा
रात 12 बजे तक शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 548 के करीब था, जिसका सीधा मतलब है कि शहर की हवा जहरीली होने के साथ ही सांस और दमे के मरीजों के लिए नुकसानदायक है.
टीम बनी लेकिन नहीं बना रख पाई पटाखे पर बैन
शासन ने बैठक के बाद जिले से लेकर तहसील तक पटाखा बिक्री पर रोक लगाने के लिए टीम का गठन किया था, लेकिन टीम पटाखे की बिक्री पर रोक लगाने पर असमर्थ दिखी.
पिछले 5 दिन का एयर क्वालिटी इंडेक्स
- 10 नवंबर- 300
- 11 नवंबर- 217
- 12 नवंबर- 201
- 13 नवंबर- 208
- 14 नवंबर- 548
आंकड़ों से समझें एयर क्वालिटी इंडेक्स को
- 0-50,अच्छी
- 51-100, सामान्य
- 101- 150, संवेदनशील लोगों के लिए हानिकारक
- 151-200, सभी के लिए हानिकारक
- 201-300, बहुत ज्यादा हानिकारक
- 300 से अधिक, कई बीमारी का खतरा बढ़ने लगता है.
बता दें कि लगातार गिर रहे एयर क्वालिटी इंडेक्स को देखते हुए एनजीटी ने पटाखों पर बैन लगाने का आदेश दिया था. जिसके बाद प्रदेश सरकार ने कानपुर समेत कई जिलों में 30 नवंबर तक पटाखे की बिक्री और जलाने पर रोक लगा दी थी.