कानपुर: डॉक्टर को भगवान का रूप कहा जाता है. यह बात मंगलवार को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के लिए तब बिल्कुल सटीक साबित हुई. जब एक नौ माह की गर्भवती महिला पेट के दर्द का इलाज कराने जच्चा-बच्चा अस्पताल पहुंची. जैसे ही डॉक्टरों ने महिला की जांचें कराईं तो पता चला कि महिला की बच्चेदानी के पास ही एक किलोग्राम का ट्यूमर है. ट्यूमर को देखकर एक पल के लिए डॉक्टर सहम गए. हालांकि फिर हमेशा की तरह मजबूत इच्छाशक्ति और बुलंद हौसलों के साथ डॉक्टरों ने महिला का इलाज शुरू किया. कुछ घंटों में एक जटिल ऑपरेशन कर महिला और बच्चे दोनों को बचा लिया गया. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से डॉ.सीमा द्विवेदी ने बताया कि जितना बड़ा बच्चे का सिर था, उतने ही वजन का ट्यूमर महिला के पेट से निकाला गया.
जटिल ऑपरेशन कर गर्भवती महिला के पेट से पहले बच्चा निकाला, फिर एक किलोग्राम का ट्यूमर - बच्चेदानी से एक किलोग्राम ट्यूमर
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की डॉक्टरों ने घंटों ऑपरेशन कर एक महिला की जान बचाई. डॉक्टरों ने नौ माह की गर्भवती महिला की बच्चेदानी को बिना नुकसान पहुंचाए एक किलोग्राम का ट्यूमर (one kg tumor removed) निकाला.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Dec 19, 2023, 10:07 PM IST
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अधिक खून बहने का मंडराता रहा खतरा:जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स जब बच्चेदानी से बच्चे को बाहर निकाल रहे थे तो उनके सामने मरीज का अधिक खून बह जाने की एक अभेद्य चुनौती थी. हालांकि, बेहद सटीक ढंग से ऑपरेट करते हुए डॉक्टरों ने कनाई काटकर बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. फिर, एक किलोग्राम का ट्यूमर बाहर आ गया. डॉक्टरों का कहना था कि मरीज ने सही समय पर अपना इलाज करा लिया. अगर देरी होती तो कोई भी अनहोनी हो सकती थी.
माहवारी के दौरान अधिक खून बहे या पेट में गोल सा मांस लगे तो फौरन कराए जांच: जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की डॉ.सीमा द्विवेदी ने कहा कि कई महिलाएं ऐसी होती हैं, जिन्हें माहवारी के दौरान ब्लीडिंग बहुत अधिक होती है. ऐसी महिलाओं को फौरन ही ट्यूमर की जांच करानी चाहिए. इसके अलावा अगर पेट में कुछ गोल सा मांस लगे तो भी फौरन डॉक्टर के पास चेकअप के लिए जरूर जाना चाहिए.
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