कानपुर : सांसद मेनका गांधी ने इस्कॉन मंदिर की गौशालाओं पर गंभीर आरोप लगाए थे. कहा था कि इन मंदिरों में मौजूद गौशालाओं में गौवंशों को कसाइयों को दे दिया जाता है. हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम मैनावती मार्ग स्थित इस्कॉन मंदिर पहुंची. गौशाला में मौजूद गौवंशों का हाल जाना. मंदिर प्रबंधन ने सांसद के आरोपों को बेबुनियाद बताया. कहा कि गायों में श्रीकृष्ण का वास होता है, उनकी सेवा करना ही हमारा धर्म है. गौशाला में गायों समेत बैलों की भी सेवा होती है. गायों से मिलने वाला दूध भी नहीं बेचा जाता है. जो गायें दूध नहीं देती हैं, उनकी भी सेवा की जाती है.
सेवा में किया जाता है दूध का इस्तेमाल :शनिवार को मैनावती मार्ग स्थित इस्कॉन मंदिर के मीडिया प्रभारी प्रशांत ने बताया कि 2014 में यहां मंदिर बना. तब से यहां गौवंशों की बेहतर ढंग से देखरेख की जाती है. सांसद मेनका गांधी के बयान गलत हैं. वह चाहें तो यहां आकर मंदिर की गौशाला को देख सकती हैं. गौशाला में कई गौवंश मौजूद हैं. पिछले 10 सालों से हम इस मंदिर से जुड़े हैं. गायो दो दूध देती हैं, उसका उपयोग भगवान की सेवा में किया जाता है.
25 एकड़ में बनी है गौशाला :मीडिया प्रभारी ने बताया कि गौवंशों को रखने के लिए उन्नाव स्थित मगरवारा में गौशाला बनाई गई है. वहां 25 एकड़ में 150 से अधिक गौवंश रहते हैं. कोई भी वहां जाकर गौवंशों की स्थिति को देख सकता है. इस मामले पर विनायकपुर निवासी डॉ. भक्ति विजय शुक्ला का कहना है कि गौवंश से जुड़ा यह मामला सीधे तौर पर हिंदूओं की आस्था से भी जुड़ा है. सांसद ने जो बयान दिया है, तो उसकी विस्तृत जांच होनी चाहिए, जिससे पूरी सच्चाई सामने आ सके.