कानपुर: राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में सामान्य दिनों की अपेक्षा शनिवार को नजारा बिल्कुल अलग था. जहां कैंपस में अमेरिका, आस्ट्रेलिया, फिलीपिंस, बेल्जियम, कोलंबिया, युगांडा समेत तमाम देशों के 17 प्रतिनिधि मौजूद थे. वहीं, संस्थान के निदेशक प्रो.नरेंद्र मोहन से एक-एक विभाग की जानकारी बेहद बारीकी से ले रहे थे.
अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपिंस के प्रतिनिधियों ने देखा राष्ट्रीय शर्करा संस्थान कानपुर, अब एक साथ काम करेंगे
राष्ट्रीय शर्करा संस्थान कानपुर ( National Sugar Institute Kanpur ) में अमेरिका, आस्ट्रेलिया समेत कई देशों के प्रतिनिधियों ने संस्थान में तैयार होने वाले शुगर प्रॉसेस को देखकर इंडस्ट्री को जमकर सराहा.
दरअसल, राष्ट्रीय शर्करा संस्थान कानपुर की कार्यप्रणाली से विदेशी प्रतिनिधियों को अवगत कराने व भविष्य में कई देशों के साथ मिलकर एक साथ काम करने के मकसद से उक्त देशों के प्रतिनिधियों का दौरा एनएसआई में था. संस्थान के निदेशक प्रो.नरेंद्र मोहन ने कहा कि सभी प्रतिनिधियों ने संस्थान में तैयार होने वाले शुगर प्रॉसेस को देखा. साथ ही सेल्फ सस्टेनेबल मॉडल आफ शुगर इंडस्ट्री को जमकर सराहा. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियां निश्चित तौर पर संस्थान के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग के दरवाजे खोलेंगी. इसके साथ ही कई अन्य देशों के साथ मिलकर चीनी उद्योग को विस्तार देने की दिशा में काम करेंगे.
संस्थान में यूएसए से पहुंची डॉक्टर गिलियन एग्लस्टन निदेशक ऑडोबोन शुगर इंस्टीट्यूट ने कहा कि जल्द ही उनकी संस्था और एनएसआई के एक्सपर्ट मिलकर ऑनलाइन व्याख्यान कार्यक्रम शुरू करेंगे. जिसका लाभ यूएसए के चीनी मिलों में काम करने वाले कर्मियों को मिल सकेगा. इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका के प्रतिनिधियों ने संस्थान में तैयार उत्पादों जैसे फोर्टिफाइड शुगर, लिक्विड शुगर, फ्लेवर्ड शुगर और भारत में बनने वाले गुड़ को भी देखा. साथ ही कहा कि वह भी इस तरह के उत्पाद तैयार करना चाहते हैं. तब एनएसआई के विशेषज्ञों ने कहा कि, हम आपके साथ काम करने के लिए तैयार हैं.