कानपुर: जिले में बदमाश और पुलिसकर्मियों के बीच हुई मुठभेड़ मामले में कई पुलिसकर्मी निलंबित कर दिए गए. वहीं दूसरी ओर यह भी सवाल उठ रहा है कि कानपुर पुलिस विकास दुबे को अपराधी ही नहीं मानती थी. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कानपुर महानगर के एसएसपी ऑफिस में लगे जिले के टॉप 15 अपराधियों की सूची में विकास दुबे का नाम नहीं है.
बता दें, विकास दुबे के ऊपर सिर्फ चौबेपुर थाने में 60 मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती, चोरी, 5 बार गैंगस्टर एक्ट, 3 बार गुंडा एक्ट शामिल है. कई बार इसके ऊपर गैंगस्टर और गुंडा एक्ट की कार्रवाई हुई, इसके बावजूद जिले के टॉप 15 अपराधियों की सूची में इसका नाम न होना कहीं न कहीं पुलिसिंग पर भी सवालिया निशान खड़े करता है. इस घटना में शुरू से ही पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं. चाहे वह मुखबिरी की बात हो या ताजा मामला सीओ के पत्र का है, जो एसएसपी ऑफिस से गायब है.