कानपुर: महानगर के बर्रा इलाके के पैथोलॉजी में लैब टेक्नीशियन का काम करने वाले संजीत यादव अपहरण कांड में अब तक की सबसे बड़ी बात सामने आई है. पुलिस अपहृत युवक की हत्या किए जाने की आशंका जता रही है. वहीं इसकी खबर सुनकर परिजन आत्मदाह करने की धमकी दे रहे हैं. यह भी बताया जा रहा है कि पुलिस ने दो अपहरणकर्ताओं को हिरासत में ले रखा है.
आत्मदाह की धमकी
परिवार का कहना है कि उन्हें गुरुवार सुबह से ही गुमराह किया जा रहा है. सुबह से ही पुलिस पीड़ित परिवार को समय बदल-बदल कर खुलासा करने की बात कह रही थी, लेकिन रात तक पुलिस ने न तो परिजनों को थाने बुलाया और न ही कोई खुलासा किया और अब तो पुलिस ने पीड़ित परिवार का फोन भी उठाना बंद कर दिया है. वहीं जब पीड़ित परिवार मीडिया से रूबरू हुआ तो मीडिया के सामने अपना दर्द बयां किया और बर्रा थाने में आत्मदाह की धमकी दी.
अपहरण को पूरे हुए 31 दिन
अपहरण को पूरे हुए 31 दिनकानपुर संजीत यादव अपराह्न मामले को गुरुवार को पूरे 31 दिन हो चुके हैं, लेकिन 4 दिनों में संजीत यादव के अपराह्न का खुलासा करने का दम भरने वाले कानपुर एसएसपी दिनेश कुमार पी भी अब इस अपहरण कांड पर सुस्त नजर आ रहे हैं. वहीं आपको बता दें कि कानपुर पुलिस भी इस मामले पर सुस्त पड़ चुकी है. कानपुर पुलिस गुरुवार सुबह से ही पीड़ित परिवार को गुमराह करने में लगी हुई है. समय बदल-बदल कर मामले के खुलासे को लेकर पीड़ित परिवार से बराबर पुलिस बात कर रही थी. पुलिस पीड़ित परिवार को बार-बार थाने भी बुला रही थी, लेकिन अब पीड़ित परिवार से पुलिस न तो कोई बात कर रही है न ही उनका कोई फोन उठा रही है.
पीड़ित परिवार ने दी आत्मदाह की धमकी. 31 दिन बाद भी नहीं हुआ खुलासा
वहीं जब पीड़ित परिवार मीडिया से रूबरू हुआ तो संजीत यादव के पिता चमन लाल यादव ने बर्रा थाने में आत्मदाह करने की धमकी दी है. उन्होंने कहा कि अगर मेरा बेटा ही नहीं रहेगा तो हम सब जीवीत रह कर क्या करेंगे? इसी के साथ ही बहन रुचि यादव ने पुलिस प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि घटना वाले दिन से लेकर आज तक पुलिस हमको गुमराह कर रही है. जिले के बर्रा थाने क्षेत्र में हुए अपहरण मामले में 31 दिन बाद भी खुलासा नहीं हुआ है.
अपहरणकर्ता 30 लाख रुपये लेकर फरार
दरअसल, बर्रा थाना पुलिस को गुमराह कर देकर शातिर अपहरणकर्ता फिरौती के 30 लाख रुपये लेकर फरार हो गए और युवक को भी नहीं छोड़ा. 22 जून को पैथोलॉजी में कार्यरत संजीत यादव का घर आते समय अपहरण हो गया था, जिसके बाद संजीत को छोड़ने के लिए परिजनों को फिरौती की रकम के साथ कानपुर के गुजैनी फ्लाईओवर के ऊपर बुलाया था. परिजन जब फ्लाईओवर पर पहुंचे तो पुलिस भी उनके पीछे-पीछे अपहरणकर्ताओं को पकड़ने के लिए गई थी. अपहरणकर्ता के कहने पर परिजनों ने पैसे से भरे बैग को फ्लाईओवर के नीचे फेंक दिया और वह पैसे लेकर फरार हो गए और पुलिस उन्हें नहीं पकड़ सकी.