कानपुर: परेड चौराहे पर 3 जून को हुई हिंसा की एसआईटी जांच कर रही है. घटना के मास्टरमाइंड जफर हयात हाशमी, मुख्तार बाबा और हाजी वसी सहित कई अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार आरोपियों से जो जानकारियां मिली हैं, बेहद चौकाने वाली है. सूत्रों के अनुसार 3 जून को कानपुर शहर को दहलाने की योजना बनाई गई थी. इसके लिए पांच-पांच हजार रुपये में पत्थरबाजों को बुलाया गया था. साथ ही पकड़े जाने पर कानूनी मदद के लिए वकील के साथ-साथ खर्च होने वाली रकम को देने का भी वादा किया गया था.
सूत्रों के अनुसार क्राउड फंडिंग करने के आरोपी हाजी वशी के मैनेजर ने उपद्रियों के लिए बकायदा रेट तय कर रखे थे. जिसमें पथराव करने वालों को एक हज़ार और पत्थरों को ठेलों द्वारा एकत्र करने व बम चलाने वालों को 5 हजार का रेट तय किया गया था.
इसके साथ ही इस एक और अहम खुलासा हुआ है. सूत्रों के अनुसार नबालिगो को बहला-फुसला कर उपद्रव में शामिल किया गया था. इसके पीछे का मकसद था कि अगर ये नाबालिग गिरफ्तार होते हैं, तो इनके ऊपर कोई बड़ी कार्रवाई न होगी. इन्हीं नाबालिगों से ठेलों में पत्थर और असलहों को घटना स्थल तक पहुंचाया गया था. इन नाबालिगों को लालच दिया गया था कि पूरे जीवन उनके परिवार की आर्थिक मदद की जाएगी.
कानपुर हिंसाः 5 हजार रुपये और कानूनी मदद का भरोसा देकर बुलाये गए थे पत्थरबाज
कानपुर के परेड चौराहे पर 3 जून को हुई हिंसा में अहम खुलासा हुआ है. सूत्रों के अनुसार 5 हजार रुपये में पत्थरबाजों को बुलाया गया था.
कानपुर हिंसा.
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उल्लेखनीय है कि कानपुर शहर का चंद्रेश्वर हाता हमेशा से विवादों में रहा है. क्योंकि क्योंकि यहां पर रहने वाली आबादी हिन्दू बाहुल्य है. मुस्लिम आबादी के बीच में यह हाता होने की वजह से आए दिन यहां बवाल होते रहते हैं. बीती 3 जून को भी इस हाते को निशाने पर रख कर उपद्रव का प्लान किया गया था.