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मरीज की मौत के बाद भी आते रहे सेहत के मैसेज, डॉक्टर ने बताया तकनीकी गड़बड़ी - कानपुर ताजा खबर

कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में कोरोना के चलते मह‍िला की मौत हो गई. वहीं दो दिन तक उनके परिजनों को उनकी हालत की जानकारी भेजता रहा, जिसमें उनका ऑक्सीजन लेवल और पल्स रेट बताया जाता रहा था.

मरीज की मौत के बाद भी आते रहे सेहत के मैसेज
मरीज की मौत के बाद भी आते रहे सेहत के मैसेज

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Published : May 20, 2021, 9:58 PM IST

कानपुर: महानगर में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का एक और मामला सामने आया है. इस बार लापरवाही की सारी हदें पार कर दी गई है. कानपुर के हैलट में कोविड-19 मरीजों के इलाज में अनियमितता के कई वीडियो तो वायरल हुए हैं, लेकिन इस बार का मामला अलग है. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से मरीज के मर जाने के बाद परिजनों को 2 दिन तक सेहत के बारे में जानकारी देने के लिए मैसेज आते रहे, जबकि परिजन दो दिन पहले ही अपने मरीज का अंतिम संस्कार कर चुके थे.

मरीज की मौत के बाद भी आते रहे सेहत के मैसेज

मरीज के मरने के बाद सेहत की जानकारी के आते रहे मैसेज
गीता नगर की रहने वाली प्रदर्शनी शुक्ला कोरोना से संक्रमित हो गई थी. इसके बाद इनका इलाज जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में चल रहा था. इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. परिजनों ने उनका अंतिम संस्कार कर दिया, लेकिन अंतिम संस्कार करने के 2 दिन बाद तक फोन में उनके सेहत के बारे में जानकारी आती रही. परिजनों ने बताया कि अंतिम संस्कार करने के बाद अगले दिन उनके फोन पर मैसेज आया कि उनकी हालत ठीक नहीं है. ऑक्सीजन लेवल 92 है और शाम को दोबारा मैसेज आया कि उनके मरीज की मौत हो चुकी है, जबकि दो दिन पहले ही उनका अंतिम संस्कार हो चुका था.

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गड़बड़ी की वजह से हुआ
वहीं जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आरबी कमल ने बताया कि यह सिस्टम की गड़बड़ी की वजह से हुआ है, पहले अस्पताल प्रशासन द्वारा मैसेज जाते थे, लेकिन अब इसके लिए सेंटर बना है. सेंटर से ही मैसेज आते हैं. वही गलती से यह हुआ है, इसकी जांच कराई जाएगी.

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