कानपुर: जिले के बर्रा थाना क्षेत्र में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव को उसके ही दोस्तों ने अगवा किया हुआ था. संजीत यादव को रतन लाल नगर स्थित एक मकान में बंधक बनाकर रखा गया था. 26 जून को संजीत ने वहां से भागने की कोशिश की थी, जिस पर 27 जून को आरोपियों ने उसकी हत्या कर दी. हत्या के बाद संजीत के बाद शव को पांडव नदी में फेंक दिया था.
संजीत यादव हत्याकांड: छह महीने बाद भी मुख्य आरोपी को नहीं पकड़ पाई कानपुर पुलिस
कानपुर के बर्रा में संजीत यादव अपहरण और हत्याकांड मामले में फरार चल रहे आरोपी राम आशीष को अभी तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है. पुलिस पांच संदिग्ध नंबरों को खंगालने में लगी हुई है, लेकिन अभी तक पुलिस के हाथ खाली हैं. पुलिस की दो टीमें लगाई गई हैं, लेकिन अभी राम आशीष के बारे में कोई भी जानकारी पुलिस के हाथ नहीं लगी है.
पुलिस ने 24 जुलाई को ज्ञानेंद्र, कुलदीप, प्रीति, निशु, राम जी शुक्ला को इस मामले में जेल भेजा था. बाद में पुलिस ने तीन अन्य आरोपी चीता, सिम्मी सिंह और केके तिवारी को भी जेल भेजा. वहीं संजीत यादव के परिजनों ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए कई बार हाइवे पर जाम भी लगाया. इसके बाद प्रस्ताव बनाकर सीबीआई जांच के लिए भेजा गया था. इसके बावजूद 14 अगस्त से आज तक सीबीआई की ओर से कोई जवाब नहीं आया है.
मामले में नौबस्ता के रहने वाले राम आशीष के शामिल होने की बात सामने आई थी. पुलिस राम आशीष की तलाश कर रही है. पुलिस ने जेल जाकर आरोपियों के करीबी दोस्त रामजी शुक्ला से भी पूछताछ की है. वहीं एसपी साउथ दीपक भुकर का कहना है कि राम आशीष को पकड़ने के लिए पुलिस की दो टीमें लगी हुई हैं. जल्द ही राम आशीष को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा.