कानपुर: नवरात्रि के नौ दिनों में शैलपुत्री, ब्रह्मचारणी, च्रंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिरात्रि माता के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. इनमें मां के चौथे स्वरूप कुष्मांडा देवी का अनोखा मंदिर कानपुर के घाटमपुर में विराजमान है. माता के चौथे स्वरूप मां कुष्मांडा देवी के दर्शन के लिए हर साल लाखों भक्त दूर-दूर से यहां आते हैं. मान्यता है कि, मां के दरबार में हाजिरी लगाने के बाद भक्त जो भी मनोकामना मांगते हैं मां कूष्मांडा उसे पूरा करती हैं.
कानपुर नगर के घाटमपुर में बने मां कूष्मांडा देवी के इस मंदिर की गितनी सिद्धपीठों में होती है. नवरात्रि में लाखों भक्त मां का दर्शन करने के लिए दूर-दूर से यहां आते हैं. मान्यता है कि मंदिर के कुंड में स्नान करने के बाद जो भी भक्त मां दर्शन करता है, उसके सभी शारीरिक कष्ट दूर हो जाते हैं. साथ ही साथ जिन लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है या फिर आखों में किसी भी प्रकार की कोई समस्या है, वे माता कूष्मांडा की मूर्ति से निकले नीर को अपनी आंखों पर लगाते हैं. मान्यता है कि इससे लोगों की आंख की बीमारी पूरी तरह ठीक हो जाती है.