कानपुरःजिले में रविवार को एकल भारत लोक शिक्षा परिषद संस्था की ओर से एक शाम एकल के नाम से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान गीतकार मनोज मुंतशिर शामिल हुए. 'तेरी बाहों में देखूं सनम गैरों की बाहें, मैं लाऊंगा कहां से भला ऐसी निगाहें' गीतकार एवं कवि मनोज मुंतशिर ने जैसे ही इन पंक्तियों को पढ़ा तो जीएसवीएम मेडिकल सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा.
मनोज मुंतशिर ने इसके बाद अपने किस्सों से ऐसा समां बांधा कि लगातार तालियां बजती रहीं. वहीं, जब उन्होंने देशभक्ति पर आधारित गीतों को गुनगुनाया तो भारत माता की जय और जय श्री राम के नारे भी गूंजे. जैसे ही उन्होंने इन पंक्तियों को पढ़ा, 'जो करना है आज कर लो, सर पर कल सूरज पिघलेगा..तो याद करोगे मां से घना कोई दरख्त नही था..' इसके बाद तो श्रोताओं ने काफी देर तक तालियां बजाईं. यहां डाॅ. एएस प्रसाद, सुरेंद्र गुप्ता गोल्डी, ध्रुव रुइया डाॅ. प्रवीण कटियार, ममता अवस्थी, राव विक्रम सिंह समेत संस्था के कई पदाधिकारियों ने मनोज मुंतशिर का स्वागत किया.