लखनऊ: कोरोना वायरस के चलते राजधानी में लोग घरों के अंदर कैद हैं. ऐसे में शहर में वाहन आदि कम चल रहे हैं साथ ही व्यापारियों ने भी बाजार बंद रखे हैं. बहुत ज्यादा जरूरत पड़ने पर ही लोग घरों के बाहर निकल रहे हैं. शहर में जगह-जगह चल रहे सेतु निर्माण कार्य भी रुके हुए हैं. जिसके चलते राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी कि प्रदूषण स्तर काफी कम हुआ है.
राजधानी के अलग-अलग क्षेत्रों की बात करें तो सबसे कम गोमती नगर का प्रदूषण स्तर है. जहां पिछले महीने 355 एयर क्वालिटी इंडेक्स हुआ करता था वहां अब 72 एक्यूआई हो गया है. सीपीसीबी रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को लखनऊ का एक्यूआई 162 है जबकि, पिछले महीने शहर का प्रदूषण स्तर 243 था. वाराणसी का 173, कानपुर का 92 और आगरा का वायु प्रदुषण स्तर 191 है.
शहर में पसरा सन्नाटा
सी-कार्बन संस्था (संस्था पर्यावरण के लिए काम करती है) के अध्यक्ष वीपी श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर से सभी परेशान हैं. अब किसी भी व्यक्ति को कोरोना वायरस से बचने के लिए जागरूक करने की सलाह देने की जरूरत नहीं है क्योंकि शहरवासी पहले से ही घर में हैं. लोग बाहर नहीं निकल रहे हैं, वाहन आदि का प्रयोग नहीं किया जा रहा है, सेतु निर्माण कार्य नहीं हो रहा है, जिसके चलते शहर का प्रदूषण स्तर काफी कम हुआ है.
अलग-अलग क्षेत्रों में प्रदूषण स्तर अलग
राजधानी में अगर अलग-अलग क्षेत्र की बात करें तो शहर के कॉमर्शियल एरिया लालबाग का प्रदूषण स्तर 264 है. इस क्षेत्र में कई फैक्ट्रियां हैं. डिस्टिक इंडस्ट्री तालकटोरा का प्रदूषण स्तर 236, सेंट्रल स्कूल का 161 और गोमती नगर का प्रदूषण स्तर 72 है जो कि सबसे कम है. पिछले महीने मार्च में इन सभी जगहों का प्रदूषण स्तर इसका दोगुना था.
मार्च में ये था हाल
मार्च महीने की बात करें तो पिछले महीने राजधानी के तालकटोरा का एक्यूआई 425 और लालबाग क्षेत्र का एक्यूआई 420 था. इसी तरह अलीगंज का एक्यूआई 389 और गोमतीनगर का 355 था. विशेषज्ञों के अनुसार मौसम में बदलाव के चलते वायु प्रदूषण का स्तर भी बढ़ा हुआ था. ऐसे में शहर का वायु सूचकांक काफी हद तक कम हुआ है और शहर में प्रदुषण का स्तर गिरा है.