कानपुर:जनपदकी पहचान देश-दुनिया में एक औद्योगिक नगरी के तौर पर की जाती है. लेकिन इस शहर में कई ऐसे मंदिर व पर्यटन स्थल हैं. जहां देश के कोने-कोने से लोग दर्शन करने आते हैं. इन मंदिरों में शामिल शहर के शिवाला में बसा 163 साल पुराना प्रयाग नारायण मंदिर है. इस मंदिर समिति के सदस्य बताते हैं, कि 1861 में महाराजा प्रयाग नारायण ने इसकी स्थापना 11 सालों तक लगातार फलाहार रहते हुए की गई थी. इस मंदिर की बनावट अगर कोई देखे तो यह पूरी तरह दक्षिण शैली पर आधारित है. इसे बैकुंठ मंदिर भी कहा जाता है. वहीं, सदस्यों का दावा है कि पूरे सूबे में भगवान लक्ष्मी नारायण (Lord Lakshmi Narayan) का यह दूसरा मंदिर है. एक मंदिर वृंदावन में स्थापित है.
महाराज प्रयाग नारायण शिवाला समिति के प्रबंधक अभिनव तिवारी (Abhinav Tiwari, manager of Shivala Committee) ने बताया कि इस मंदिर में भगवान लक्ष्मी नारायण की पूजा तमिल विधि-विधान से होती है. यहां आमजन श्रीदेवी, भूदेवी, लीलादेवी, सुदर्शन भगवान, गरुण भगवान, वेंकटेश भगवान की पूजा करने आते हैं. यहां के उत्सवों में मुख्य रूप से बैकुंठ उत्सव व ब्रह्म उत्सव शामिल है. जब बैकुंठ उत्सव होता है. तब बैकुंठ द्वार खुलता है. उसी तरह स्थापना दिवस पर 11 दिनों का ब्रह्म उत्सव मनाया जाता है. माघ पूर्णिमा के ठीक एक दिन पहले ही इस मंदिर की स्थापना हुई थी.