कानपुर: फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (फियो) की ओर से शहर में सालाना कारोबार के आंकड़े जारी किए गए, जिसमें 2021 के मुकाबले करीब 500 करोड़ रुपये का कारोबार कम हुआ. इस कारोबार में सबसे अधिक प्रभावित सेक्टर चमड़ा कारोबार का रहा. काउंसिल फार लेदर एक्सपोर्ट (सीएलई) के सदस्यों ने खुद इस बात की पुष्टि की.
विदेशों में रोड शोः हालांकि, 2023 में कारोबार में विस्तार करने के लिए अब सीएलई सदस्यों ने जो योजना बनाई है, उसके तहत ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (जीआइएस) की तर्ज पर कानपुर के चमड़ा कारोबारी विदेशों में रोड शो करेंगे. ऐसा पहली बार होगा, जब कारोबारी रोड शो कर कानपुर के चमड़ा उत्पादों, खासतौर से चमड़े के जूते, बैग, बेल्ट, पर्स आदि को प्रदर्शित कर वहां के कारोबारियों को रिझाएंगे.
सालाना कारोबार से जुड़े इन आंकड़ों को देखें. ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के तर्ज पर बनी योजनाः इस पूरे मामले पर सीएलई के पूर्व चेयरमैन मुख्तारुल अमीन ने बताया कि सरकार ने ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के दौरान जिस तरह अपने मंत्रियों और वरिष्ठ अफसरों को विदेशों में भेजा और वहां उद्यमियों से संवाद कर यूपी में निवेश प्रस्ताव आए. ठीक वैसे ही हम भी विदेशों में उद्यमियों से कारोबार को लेकर सीधे संवाद करेंगे. उन्हें कानपुर में बने उत्पादों की विशेषता बताएंगे.
अमेरिका व यूनाइटेड किंगडम के देशों की ओर होगा रुख: सीएलई के पूर्व चेयरमैन पहले चरण में अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम के देशों की ओर जाने की योजना बनी है. फिर अगले चरण में उन देशों की ओर रुख करेंगे, जो हमारे पहले से सहयोगी हैं. उन्होंने कहा कि सीएलई सदस्यों का मानना है कि हम हर बाजार को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे और इस नई कवायद से 10 से 20 फीसद तक चमड़ा कारोबार बढ़ेगा.
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