कानपुर: 'लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती...' यह पंक्तियां शहर की शेफ कविता सिंह पर बिल्कुल फिट बैठती हैं. जिन्होंने मुश्किल परिस्थितियों का सामना करते हुए, पाक कला के जरिये न सिर्फ अपनी पहचान स्थापित की. साथ ही अन्य महिलाओं को भी कुकिंग के गुर सिखा रही है.
शुरुआत से ही कविता की कुकिंग में रुचि थी. वह अपने साथ-साथ अन्य महिलाओं को भी कुकिंग सिखाना चाहती थीं, लेकिन पति के गुजरने के बाद विकट परिस्थितियों ने उन्हें घेर लिया. घर की माली हालत भी ठीक नहीं थी. इसके चलते काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इसके बाद उन्होंने कुकिंग क्लास की शुरुआत की. इस दौरान काफी दिक्कतें आईं, लेकिन धीरे-धीरे सब ठीक होता गया.
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