कानपुरःवैसे तो अक्सर ही खाकी पर धन उगाही समेत कई अन्य गंभीर आरोप लगाए जाते हैं. हालांकि, कानपुर में सोमवार को एक ऐसा मामला पुलिस कमिश्नरेट के ट्विटर एकाउंट के माध्यम से सामने आया है. जिससे पुलिस कमिश्नरेट के आला अफसरों के होश उड़ा दिए हैं. उक्त टि्वटर एकाउंट पर एक पत्र को पोस्ट किया गया है. जिसमें शहर के एक आईपीएस अधिकारी, 2 एसआई व एक एसआई स्तर (रपट मुंशी) पर धन उगाही से लेकर तमाम गंभीर आरोप लगाए गए हैं. मामले की जानकारी पर पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड ने जांच डीसीपी मुख्यालय रवीना त्यागी को सौंप दी है.
शिकायतकर्ता ने पुलिस कमिश्नरेट के ट्विटर एकाउंट पर एक पत्र के माध्यम से एक आईपीएस अधिकारी का नाम भी लिख दिया है. शिकायतकर्ता ने लिखा है कि वह जिस जिले में तैनाती लेते हैं, वहां भ्रष्टाचार शुरू कर देते हैं. इस पत्र में यूपी-112 की ड्यूटी से लेकर कई अन्य बातों का भी जिक्र है. साथ ही शिकायतकर्ता ने यह भी लिखा है कि घाटमपुर, बिल्हौर समेत अन्य क्षेत्रों में यूपी-112 के लिए रेट तय किये गये हैं. जहां 30-30 हजार रुपये तक मांगे जाते हैं. प्राइवेट कर्मियों द्वारा यूपी-112 के कर्मियों के वीडियो बनवाए जाते हैं. फिर उन्हीं वीडियो के आधार पर वसूली की जाती है. पूरा पुलिस महकमा यह बात जानता है. लेकिन कोई उक्त आईपीएस अधिकारी को कुछ नहीं बोलता है. हालांकि सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर शिकायतकर्ताओं का यह पत्र जमकर वायरल हो रहा है. पुलिस के आला अफसरों ने पुलिस कमिश्नरेट के ट्विटर एकाउंट से इस पत्र को डिलीट भी करा दिया है.
इस संबंध में डीसीपी रवीना त्यागी ने बताया कि अज्ञात लोगों की ओर से एक पत्र कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के टि्वटर एकाउंट पर पोस्ट किया गया है. इसकी जांच शुरू कर दी गई है. पुलिस की जांच के बाद ही कुछ कहना संभव होगा. मामले में दोषी पाए जाने पर विभाग की तरफ से कानूनी कार्रवाई की जाएगी.