कानपुर:जनपद के निराला नगर में स्थित पराग डेयरी प्लांट का निजीकरण हो सकता है. इसके लिए पीसीडीएफ की दो सदस्यीय टीम ने आधुनिक प्लांट का निरीक्षण किया. इसके बाद अपनी रिपोर्ट तैयार कर एमडी को देने की बात भी कही थी. इससे पहले प्लांट को निजी हाथों में देने के विरोध के चलते जीएम जीसी सिंह का तबादला कर दिया था.
कानपुर: पराग डेयरी का हो सकता है निजीकरण, टीम ने किया निरीक्षण - कानपुर पराग डेयरी
प्रदेश का सबसे बड़ा दुग्ध प्लांट कहे जाने वाली पराग डेयरी का निजीकरण हो सकता है. इसको लेकर पीसीडीएफ की टीम ने निरीक्षण भी किया था. वहीं जीएम से टीम के सदस्यों ने आधुनिक प्लांट के बारे में जानकारियां भी ली थीं.
कानपुर दुग्ध संघ के अध्यक्ष सतपाल सिंह ने बताया कि दुग्ध विकास बोर्ड के एमडी ने टीम का गठन किया है. इसके बाद टीम के दो सदस्य पराग डेयरी का मुआयना करने कार्यालय पहुंचे और उन्होंने जीएम राजीव के साथ पूरे प्लांट का निरीक्षण किया. सतपाल ने बताया कि पीपीपी मोड (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) में प्लांट को दिया जाना है. इसके लिए कैबिनेट में प्रस्ताव भेजा गया था वो भी पारित हो चुका है. टीम के सदस्यों ने प्लांट का कितना हिस्सा निजी कंपनी को दिया जाना चाहिए, इसके साथ ही प्लांट की मशीनों की भी जीएम से जानकारी ली थी. कानपुर में पराग का प्रदेश का सबसे बड़ा प्लांट है. जो निराला नगर में बनाया गया है. करोड़ों रुपये की लागत से तैयार हो रहे प्लांट में लाखों लीटर दूध और पाउडर प्लांट में तैयार किया जाएगा, लेकिन धन के अभाव में यह काम अभी चालू नहीं हो पा रहा है.