कानपुर: एक ओर जहां शहर के उद्यमी अधिक से अधिक राजस्व देकर व कारोबार को विस्तार देकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डालर तक पहुंचाने की कवायद कर रहे हैं वहीं, अब दूसरी ओर नगर निगम ने उद्यमियों से कूड़े का टैक्स वसूलने का फैसला किया है. नगर निगम के इस निर्णय से दादा नगर व पनकी इंडस्ट्रियल एरिया के हजारों उद्यमी बेहद आक्रोशित हैं. उनका कहना है, कि सालों से वह हाउस टैक्स व वाटर टैक्स दे रहे हैं अब, प्रति वर्गमीटर कूड़े का कर देने का क्या औचित्य है. वहीं, खास बात यह भी है कि जो इकाईयां हैं अगर उनसे कूड़े का कर प्रतिमाह लिया जाता है तो वह सालाना हाउस टैक्स से अधिक होगा.
नगर निगम अफसरों के मुताबिक हर माह औद्योगिक इकाइयों से जो कूड़े का कर अगर मिलता है, तो करोड़ों रुपये की कमाई होगी. इसे डोर-टू-डोर कलेक्शन प्रक्रिया के तहत क्रियान्वित कराया जाएगा हालांकि उद्यमियों का कहना है कि दादा नगर व पनकी में 50 सालों से कोई सफाई कर्मी तैनात नहीं है न तो नगर निगम के अफसर कभी यहां झांकने आते हैं. उन्होंने कहा कि जो डोमेस्टिक कूड़ा निकलता है उसके उठान के लिए नया कर हम क्यों दें इसे तो हाउस टैक्स के अंतर्गत ही समाहित किया जाना चाहिए.
यहां समझें कि हर माह कैसे मिलेंगे करोड़ों रुपये: बानगी के तौर पर अगर किसी औद्योगिक इकाई का क्षेत्रफल 800 वर्गमीटर है। तब, उस औद्योगिक इकाई का हर माह कूड़े का कर तीन रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से 24000 रुपये हो जाएगा. दादा नगर व पनकी इंडस्ट्रियल एरिया में लगभग 16000 छोटी-बड़ी इकाइयां हैं. ऐसे में सालाना यह कर करोड़ों रुपये तक पहुंच जाएंगा, क्योंकि प्रतिमाह ही आंकड़ा 30 से 35 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है.