कानपुर: जिले में रोजाना कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. वहीं कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा भी कम नहीं हो रहा है. संक्रमण की चपेट में आने से जिले में अब तक 596 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से 430 मौत केवल मेडिकल कॉलेज के कोविड एल-3 अस्पताल में हुई है. जिले में कोरोन से हुई मौत के मामले में 70 फीसदी मौत डायबिटीज या ब्लड प्रेशर की वजह से हुई है. वहीं 30 फीसदी मौत एनीमिया, हार्ट और किडनी संबंधित बीमारियों के कारण हुई हैं. वहीं अन्य लोगों की मौत देर से इलाज कराने या उम्र अधिक होने के चलते हुई है. मेडिकल कॉलेज की डेथ ऑडिट टीम द्वारा कोरोना काल के बाद लगातार हो रही मौतों पर किए गए शोध में यह बात सामने आई है.
इस टीम में सभी विभाग से एक डॉक्टर को लेकर पैनल तैयार किया गया था, जिसने यह रिपोर्ट तैयार की है. डेथ ऑडिट टीम के सदस्य डॉ. एसके गौतम ने बताया कि जिले में कोविड से 596 मौत हुई हैं, जिनसें से 430 मौत मेडिकल काॅलेज के एल-3 कोविड अस्पताल में हुई है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में हुई मौत मामले में डेथ ऑडिट रिपोर्ट तैयार करके जिला प्रशासन और शासन को भेज दी गई है. कोरोना के साथ दूसरी गंभीर बीमारी के चलते लोगों की मौत हुई है.
कोरोना में हो रही मौत में डायबिटीज मुख्य कारण
डेथ ऑडिट टीम के सदस्य डॉ. एसके गौतम ने बताया कि जिले में कोरोना संक्रमित जिन लोगों की मौत हो रही है. उनमें 60 फीसदी मौत का कारण डायबिटीज है. अगर कोरोना संक्रमित व्यक्ति को कोई और बीमारी पहले से है, तो कोरोना का प्रभाव दोगुना हो जाता है. ऐसे मरीजों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से वायरस तेजी से फैलता है.
उम्र का अधिक होना भी है मौत का कारण
डॉ. गौतम ने बताया कि कोरोना से मरने वालों में उम्र का अधिक होना भी एक कारण है. उम्र अधिक होने की वजह से व्यक्ति में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, जिस कारण संक्रमित व्यक्ति जल्द रिकवर नहीं कर पाता और उसकी मौत हो जाती है.