कानपुर :शहर के एक साड़ी कारोबारी के बेटे की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई. छात्र 10वीं का छात्र था. उसकी लाश ट्यूशन टीचर के साथी के घर से बरामद की गई. घटना के पीछे का कारण ट्यूशन टीचर से अफेयर बताया जा रहा है. हालांकि अभी पुलिस कई एंगल पर मामले की जांच कर रही है. दो लोगों को हिरासत में लिया गया है. वारदात के बाद मंगलवार को छात्र का शव पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा तो दादा फफक कर रो पड़े. उन्होंने पोते को लेकर कई अहम जानकारियां साझा की.
कुशाग्र को कई श्लोक और मंत्र याद थे :पोस्टमार्टम हाउस पर दादा संजय कानोडिया गगगीन दिखे. पोते कुशाग्र को यादकर कभी फफक पड़ते तो कभीं आंखों में आंसू लिए वहां मौजूद लोगों से उसकी अच्छाइयां बताते. मीडिया कर्मियों ने जैसे ही कुशाग्र को लेकर सवाल पूछे वह दहाड़े मारकर रोने लगे. कुछ देर बाद कुछ को संभालते हुए बोले क्या बताएं, अब कुछ बचा नहीं, हत्यारे ने पूरी परिवार की खुशियां उजाड़ दी. कुशाग्र 17 साल का था. वह सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल में पढ़ता था. धर्म और अध्यात्म से उसका खासा लगाव था. वह रोज सुबह उठकर पूजा-पाठ करता था. वह जितनी पूजा करता था, उतना घर में कोई नहीं करता था. कई श्लोक और मंत्र उसे याद थे. वह बहुत सीधा था. कुशाग्र का किसी से कोई झगड़ा नहीं था.
कुशाग्र किसी सेमतलब नहीं रखता था. स्कूल से सीधे घर आता था. इसके बाद केवल कोचिंग के लिए ही बाहर जाता था. वह शहर के स्वरूप नगर में कोचिंग पढ़ता था. कोचिंग के बाद वह सीधे घर आता था. सोमवार को भी वह अपनी मम्मी से कोचिंग जाने की बात कहकर निकला था. रास्ते में उसे प्रभात मिला. इसके बाद कुशाग्र उसके साथ उसके घर चला गया. कुशाग्र पढ़ने में होशियार था. अक्सर कहता था कि वह इंजीनियर बनेगा. -संजय कानोडिया