कानपुर: शहर के साड़ी कारोबारी मनीष कानोडिया के बेटे कुशाग्र कानोडिया का अपहरण होने के बाद मर्डर हो गया था. इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी ओमनगर निवासी प्रभात शुक्ला, उसकी प्रेमिका रचिता वत्स और प्रभात के दोस्त शिवा को अरेस्ट किया था. गिरफ्तारी के समय से ही पुलिस प्रभात की भाषा बोल रही थी और आला अफसरों तक ने यह बात ठोस दावे के साथ कह दी थी कि प्रभात ने कुशाग्र को इसलिए मार दिया. क्योंकि, उसे शक था कि रचिता और कुशाग्र के बीच अफेयर है.
हालांकि, हत्या के दूसरे दिन जब बुधवार को सर्विलांस टीम ने कुशाग्र के आईफोन का लॉक खुलवाया तो पूरी नई कहानी सामने आ गई. सर्विलांस सेल को कुशाग्र के आईफोन में केवल उसके, उसके परिजनों के ही अधिकतर फोटोज और चैट मिली. रचिता से न तो बातचीत का रिकार्ड मिला, न ही किसी तरह की चैट का. अब, सर्विलांस सेल की टीम के सदस्य कह रहे हैं कि कुशाग्र और रचिता के बीच अफेयर जैसा कुछ नहीं था. हालांकि, कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के आला अफसर अभी और अधिक साक्ष्य जुटाने की बात कर रहे हैं.
परिजनों ने भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए: कुशाग्र के परिजनों ने भी बुधवार को पुलिस के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की. परिजनों ने कहा कि पुलिस ने प्रभात की कहानी सुनने के बाद ये कैसे कह दिया कि उनके बेटे का अफेयर टीचर के साथ था. कहा कि पुलिस ने मामले को लेकर जल्दबाजी दिखाई और गलत बयानबाजी की. अब, आईफोन से भी इस बात की काफी हद तक पुष्टि हो गई है.