कानपुर:कुछ दिनों पहले कानपुर की पुलिस कमिश्नरेट ने मूलगंज थाना क्षेत्र से रिजवान समेत अन्य चार बांग्लादेश के नागरिकों को गिरफ्तार जरूर कर लिया, लेकिन पुलिस की इस सफलता के पीछे अहम भूमिका खुफिया विभाग से मिली रिपोर्ट की थी. इससे पहले साल 2020 में कानपुर पुलिस ने एक बांग्लादेश के युवक को गिरफ्तार किया था. यही भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी ने एक मई को कानपुर के पुलिस कमिश्नर (Kanpur Police Commisonar) को पत्र भेजकर बताया था कि नवीन नगर स्थित एक बस्ती के पास तमाम रोहिंग्या व बांग्लादेश के लोग रह रहे हैं . हालांकि, उस पत्र पर पुलिस ने बहुत अधिक गंभीरता नहीं दिखाई. अब, जो स्थिति है उसके मुताबिक लोग पुलिस से यह सवाल कर रहे हैं कि आखिर कितने बांग्लादेश के लोग शहर में आसानी से रह रहे हैं ,इसका जवाब कौन देगा? सवालों के कठघरे में खड़े कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के अफसर बता रहे हैं कि अब संदिग्ध लोगों के दस्तावेजों के सत्यापन का काम बहुत गंभीरता से होगा.
कई आतंकी भी कानपुर से हो चुके गिरफ्तार:केवल बांग्लादेश के नागरिक ही नहीं कानपुर से कई आतंकी भी पकड़े जा चुके हैं. इनमें आतंकी नदीम के मददगार हबीबुल उर्फ सैफुल्ला को कुछ दिनों पहले ही अरेस्ट किया गया था. वहीं, 11 सितंबर 2009 को आईएसआई एजेंट इम्तियाज को सचेंडी, 27 सितंबर 2009 को आईएसआई एजेंट वकास को बिठूर से, 18 सितंबर 2011 को रांची निवासी आईएसआई एजेंट फैसल रहमान उर्फ गुड्डू को रेल बाजार से, 2014 में अप्रैल में पनकी में विस्फोट करने वाले आतंकी को, मार्च 2017 में खुरासान मॉडल के तीन आतंकियों को कानपुर से अरेस्ट किया जा चुका है. वहीं, अब कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के आला अफसर बांग्लादेशी नागरिक रिजवान का भी आतंकी कनेक्शन तलाश रहे हैं. क्योंकि इसके पीछे एक अहम वजह है कि रिजवान कई बार पाकिस्तान जा चुका है.