कानपुर:गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज में पित्त की थैली में बढ़ रहे कैंसर रोग पर शोध किया जाएगा. गंगा के किनारे बसे शहरों में गाल ब्लैडर कैंसर के रोग के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में इनकी वजह जानने के लिए अब जीएसवीएम डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड रिसर्च को इसके लिए हरी झंडी भी मिल चुकी है. इसमें गंगा के तटीय क्षेत्रों और गंगा से दूर बसे शहरों के मरीजों को दो श्रेणियों में बांटकर अध्ययन किया जाएगा. प्राचार्य प्रो संजय काला ने बताया कि मरीज के रक्त में मौजूद हेवी मेटल्स जैसे लेड क्रोमियम कैङनियम की जांच कर मूल कारण की खोज की जाएगी.
प्राचार्य प्रो संजय काला ने बताया कि इस शोध के प्रथम चरण में गंगा किनारे स्थित शहर जैसे पटना और कानपुर के गाल ब्लैडर कैंसर मरीजों पर शोध किया जाएगा. दूसरे चरण में गंगा से दूर स्थित शहरों में रहने वाले मरीजों को शामिल किया जाएगा. इनके रक्त में हेवी मेटल्स के बाद डीएनए की जांच की जाएगी. शोध में प्राचार्य के साथ उनकी टीम में डॉक्टर चयनिका काला और डॉक्टर आनंद नारायण होंगे. प्राचार्य ने बताया कि गंगा से सटे शहरों में गाल ब्लैडर कैंसर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. पटना में सर्वाधिक मरीज सामने आए हैं. इसके बाद दूसरे स्थान पर कानपुर और आसपास के जिले हैं, जहां से सर्वाधिक मरीज सामने आए हैं. इस शोध की मदद से यह जानकारी जुटाने का मौका मिलेगा कि आखिर गंगा से सटे शहरों में रहने वाले लोगों में गाल ब्लैडर कैंसर बढ़ने का कारण क्या है. कहीं इसकी वजह खानपान तो नहीं. जिसका फैसला इस शोध के आधार पर लिया जाएगा.