कानपुर: शहर के सर्वोदय नगर स्थित ईपीएफओ कार्यालय में कार्यरत प्रवर्तन अधिकारी को सीबीआई के अधिकारियों ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. इसके बाद ईपीएफओ मुख्यालय से उन्हें शुक्रवार की रात निलंबित कर दिया गया. कानपुर प्रवर्तन शाखा के फील्ड में तैनात कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है. सीबीआई टीम मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है.
कानपुर ईपीएफओ कार्यालय में तैनात प्रवर्तन अधिकारी विनीत मिश्रा को सीबीआई टीम के अधिकारियों ने मंगलवार को 60 हजार रुपये घूस लेते पकड़ा था. कानूनी कार्रवाई के बाद उन्हें ईपीएफओ मुख्यालय से शुक्रवार की रात निलंबित कर दिया गया. इसके साथ ही कार्यालय में रिश्वत में अंकुश लगाने के लिए कानपुर फील्ड से 22 अफसरों को भी हटा दिया गया है. एक साल में 2 बार सीबीआई टीम के अफसरों द्वारा प्रवर्तन अफसरों को घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार करने के बाद से तमाम अफसर व कर्मी बहुत असहज स्थिति में हैं.
दरअसल अपर केंद्रीय भविष्य निधि कार्यालय के अंतर्गत प्रदेश में कानपुर, नोएडा, बरेली, आगरा, मेरठ, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर व लखनऊ के क्षेत्रीय कार्यालय आते हैं. इन कार्यालयों के प्रवर्तन शाखा में 22 पीएफ अधिकारियों के नाम ऐसे सामने आए हैं, जो पिछले 4 सालों से एक ही फील्ड पर जमे हुए थे. ऐसे अधिकारियों को अब लेखा शाखा कार्यालय में बैठकर काम करना होगा. इसके साथ-साथ सीबीआई टीम कानपुर कार्यालय आकर पुनः जांच कर सकती है. इस जांच में एकबार फिर कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है.
कानपुर के सर्वोदय नगर स्थित ईपीएफओ कार्यालय में आला अधिकारियों ने अपनी साख बचाने के लिए आवेदकों से किसी भी कर्मचारी को घूस न देने की अपील की है. इसके साथ ही कार्यालय में तैनात कर्मचारियों से भी अपील की है कि वह किसी भी व्यक्ति से घूस नहीं लेंगे. इसके अलावा कार्यालय में एक पत्र भी चस्पा कर दिया गया है. प्रवर्तन अफसरों द्वारा घूस को लेकर आल इंडिया ईपीएफ स्टाफ एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष राजेश शुक्ला ने कहा कि केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त को यह फैसले पिछले साल ही लेने चाहिए थे.
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