कानपुरः आगामी चुनाव के मद्देनजर शहर में धड़ाधड़ विकास योजनाओं का श्रीगणेश हो रहा है. एक ओर जहां शहर में 31 दिसंबर से मेट्रो शुरू होने जा रही है वहीं 30 नवंबर से झकरकटी का सामानंतर पुल और 15 दिसंबर से कैंट का नया पुल जनता को समर्पित करने की तैयारी हो रही है. जाम से जूझने वाले शहर के लिए ये तीनों ही सौगातें किसी बड़ी राहत से कम नहीं हैं. 2022 के चुनाव आने से पहले कानपुर तेज रफ्तार शहरों में शुमार हो जाएगा.
झकरकटी के नए पुल पर दिसंबर से भरिए फर्राटा
मौजूदा समय में झकरकटी पुल की बात की जाए तो यह शहर का अति व्यस्ततम पुल है. यहां सुबह से रात तक लोगों को जाम से जूझना पड़ता है. इस पुल से रोज करीब 10 से 15 हजार वाहन गुजरते हैं. यही नहीं इस पुल के ठीक बगल में झकरकटी बस अड्डा है. यहां रोज करीब 200 से 300 बसों का आवागमन होता है. ऐसे में हजारों की संख्या में यहां से सवारियां आतीं और जाती हैं. इन सवारियों को भी इस पुल से गुजरना पड़ता है. इस वजह से यह पुल अक्सर जाम रहता है.
झकरकटी के इस पुल के ठीक बगल में समानांतर पुल का काम पूरा हो चुका है. करीब 100 करोड़ से ज्यादा की लागत से तैयार इस पुल से अब वाहन फर्राटा भरते हुए निकल सकेंगे. उन्हें किसी भी तरह के जाम से नहीं जूझना पड़ेगा. हाल में ही औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान झकरकटी के इस पुल को 30 नवंबर को शुरू करने के निर्देश दिए हैं. इस पुल के शुरू होते ही शहर की बड़ी आबादी को बड़ी राहत मिल जाएगी.
अभी यह पुल शहर के अति व्यस्ततम चौराहे टाटमिल को अफीम कोठी चौराहे से जोड़ता है. रामादेवी, घंटाघर और किदवईनगर समेत साउथ के कई इलाकों के वाहन इस पुल से गुजरते हैं. सुबह से लेकर रात तक इस पुल पर धूल, धुआं और जाम ही मिलता है.