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कानपुर: कमिश्नर राज शेखर ने निर्माणाधीन पावर प्लांट का किया निरीक्षण

कानपुर कमिश्नर राज शेखर ने निर्माणाधीन पनकी थर्मल पावर प्लांट का निरीक्षण किया. कमिश्नर राज शेखर ने बताया कि इस परियोजना को पूर्ण करने की अवधि 46 महीने की है. अब तक निर्माणाधीन प्लांट का लगभग 40% काम पूरा हो चुका है. बता दें कि यह संयंत्र कानपुर नगर में बिजली के उतार-चढ़ाव को कम करने में मदद करेगा और आसपास के क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की स्थिरता सुनिश्चित करेगा.

कमिश्नर राज शेखर ने निर्माणाधीन पावर प्लांट का किया निरीक्षण
कमिश्नर राज शेखर ने निर्माणाधीन पावर प्लांट का किया निरीक्षण

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Published : Oct 28, 2020, 3:49 AM IST

कानपुर: कमिश्नर राज शेखर ने निर्माणाधीन पनकी थर्मल पावर प्लांट का दौरा किया. इस भ्रमण उनके साथ वीपी कटियार जीएम पनकी पावर प्लांट, जीबी सिंह
उप कमांडेंट CISF और अन्य अधिकारी शामिल थे. इस न्यू अंडर कंस्ट्रक्शन प्लांट में 660 मेगावाट थर्मल पावर उत्पादन की क्षमता है. यह कानपुर में यूपी सरकार के महत्वपूर्ण 'मेगा प्रोजेक्ट' में से एक है.

कमिश्नर राज शेखर ने बताया कि यह परियोजना वर्ष 2018 (मार्च) में शुरू की गई थी. परियोजना की पूर्णता अवधि 46 महीने है. अब तक निर्माणाधीन प्लांट का लगभग 40% काम पूरा हो चुका है. कमिश्नर ने बताया कि इस परियोजना की जिम्मेदारी BHEL कंट्रक्शन को दी गई है. इस परियोजना में आधुनिक तकनीक जैसे हाई कपैसिटी बॉयलर और ऑटोमैटेड कूलिंग सिस्टम लगाया जा रहा है.

कमिश्नर ने बताया कि संयत्र के सुचारू और प्रभावी कामकाज के लिए पूरी तरह से स्वचालित नियंत्रण पैनल है. कोविड लॉकडाउन के कारण परियोजना में लगभग चार महीने की देरी हो गई थी, लेकिन BHEL और UP विद्युत उत्पादन निगम के पहले के समझौते के समय के अनुसार जनवरी 2022 तक प्लांट शुरू करने की पूरी कोशिश की जाएगी.

कानपुर को इस संयंत्र से मिलेगा निम्न लाभ

  • यह पावर प्लांट सैकड़ों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न करेगा.
  • यह इस परिसर के आसपास सहायक संयंत्रों की स्थापना को बढ़ावा देगा.
  • यह संयंत्र कानपुर नगर में बिजली के उतार-चढ़ाव को कम करने में मदद करेगा और आसपास के क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की स्थिरता सुनिश्चित करेगा.
  • यह संयंत्र बॉयलर के लिए जल निगम के पनकी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के अर्ध उपचारित अपशिष्ट जल का उपयोग करेगा, जिससे ताजे पानी की खपत कम होगी और अपशिष्ट जल का प्रभावी उपयोग होगा.
  • इस संयंत्र से फ्लाई ऐश सीमेंट उद्योगों को मदद मिलेगी, क्योंकि उन्हें सस्ता और आसानी से उपलब्ध कच्चा माल मिलेगा.

कमिश्नर राज शेखर ने दिए महत्वपूर्ण निर्देश

  • परियोजना को पूरा करने और जनवरी 2022 तक इसे शुरू करने के निर्देश दिए.
  • संयंत्र की शुरुआत से पहले सभी सुरक्षा उपायों और आपदा प्रबंधन को सुनिश्चित किया जाए.
  • पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं.
  • इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट का समय से पूर्ण कर उत्पादन प्रारम्भ कराने हेतु कमिश्नर इस प्रोजेक्ट के कार्यों का मासिक समीक्षा करेंगे और त्रैमासिक रूप से स्थलीय भ्रमण करेंगे.

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