कानपुर: वैसे तो आपने देश और दुनिया में कई स्थानों पर विशालकाय और हरियाली वाले तालाब देखे होंगे लेकिन, उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के पनकी क्षेत्र में सैकड़ों साल पुराने शिव मंदिर के साथ एक ऐसा तालाब है, जिसमें कछुओं की भरमार है. इसके चलते ही इसका नाम भी कछुआ तालाब पड़ गया है. मंदिर के आसपास रहने वाले लोगों का कहना है, मंदिर जब बना था तब से यहां तालाब है. जिसमें अपने आप कछुए आ गए, जो कभी अदृश्य नहीं हुए. यानी, इस तालाब में हमेशा कछुए मौजूद रहे, जिसके चलते इसका नाम कछुआ तालाब हो गया
तालाब की खासियत है, कि यहां सैकड़ों की संख्या में कछुए हैं और अब यह तालाब शहर के पर्यटन स्थलों में शामिल हो चुका है. नगर निगम की ओर से इस तालाब के सौंदर्यींकरण पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके हैं. नगर निगम अफसरों ने कछुओं की देखरेख के लिए तालाब के बीचोबीच बालू व मिट्टी के ढेर का टापू बनवाया है, जिससे कछुए प्रजनन कर सकें. इसके साथ ही चारों ओर पक्का घाट बना दिया गया है.