कानपुर: वैसे तो कानपुर में काशी की तर्ज पर भगवान भोलेनाथ का आनंदेश्वर मंदिर कई सौ साल पुराना है तो शहर के आउटर क्षेत्र में संकटमोचन भगवान बजरंगबली के मंदिर में लाखों भक्तों का तांता लगता है लेकिन कानपुर में एक काल भैरव का भी मंदिर है, जो लगभग 800 साल पुराना है. इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां गोस्वामी तुलसीदास भजन करते थे. मान्यता है कि उसी समय मंदिर की स्थापना हुई थी. इस काल भैरव के मंदिर में कानपुर के अलावा बहुत दूर-दूर से अच्छी संख्या में भक्त पहुंचते हैं और दर्शन करते हैं.
मूर्ति के ठीक सामने कल-कल करती गंगा बह रही हैं. 100 मीटर की दूरी पर चिताएं जलतीं हैं. कानपुर के भैरोघाट पर बने इस काल भैरव मंदिर को लेकर महंत मायाराम दास ने बताया कि भगवान की मूर्ति के ठीक सामने सदियों से कल-कल करती गंगा बह रही हैं. मंदिर से जुड़े भक्त बताते हैं, कि वैसे तो सावन के समय गंगा का पानी अपने ऊफान पर होता है लेकिन, कभी गंगा का पानी मंदिर तक नहीं पहुंचा. सीढ़ियां जरूर पूरी तरह से डूब जाती हैं.