कानपुर:सीमा पर तैनात सैनिकों की रक्षा और दुश्मनों का खात्मा करने के लिए कानपुर की विश्व विख्यात लघु शस्त्र निर्माण द्वारा जेवीपीसी गनों (बन्दूकों) को बनाया गया है. इसी कड़ी में दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए 2017 में कानपुर और एआरडीई पूना के संयुक्त प्रयासों से जेवीपीसी का निर्माण किया गया. इसका सफल परीक्षण भारत के विभिन्न अर्ध सैनिक बल और राज्य पुलिस बलों द्वारा हो चुका है.
- सफल परीक्षण के बाद लगभग दस हजार जेवीपीसी गन का आर्डर लघु शस्त्र निर्माण को मिल चुका है.
- इसमें से छत्तीसगढ़ पुलिस, मणिपुर पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल को गनों की आपूर्ति की जा चुकी है.
- इसी कड़ी में आज केन्द्रीय औघोगिक सुरक्षा बल(CISF) के 200 जेवीपीसी के आर्डर में से 100 गनों की एक खेप और एक हजार कारतूसों का हस्तांतरण सीआईएसएफ के आगरा यूनिट को किया गया.
- जेवीपीसी हथियार की मारक क्षमता विश्व विख्यात हथियार जैसे एमपी-5, एमपी-7, पी-2000 से की जा सकती है.
- यह एक राउण्ड में 50 कारतूसों को फेंकती है..