कानपुर: शहर के बारहदेवी स्थित जूही राखी मंडी इलाके में 42 साल बाद भी सड़क और नाली का निर्माण नहीं कराया गया. इतना ही नहीं महानगर होने के बावजूद यहां पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध नहीं है. मूलभूत सुविधाओं से वंचित शहर का यह क्षेत्र अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा है. क्षेत्रीय पार्षद का कहना कि कई बार संबंधित अधिकारियों से इसकी शिकायत की गई, लेकिन अभी कोई विकास कार्य नहीं कराया गया.
मूलभूत सुविधाओं से वंचित है महानगर का यह मुख्य क्षेत्र - juhi rakhi mandi
कानपुर शहर को महानगर का दर्जा प्राप्त है. बावजूद इसके शहर के जूही क्षेत्र स्थित जूही राखी मंडी निवासी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. क्षेत्र में न तो सड़क है और न ही पीने के पानी की व्यवस्था.
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राखी मंडी का नहीं हुआ विकास
केडीए की विकसित जूही राखी मंडी के वासिंदे आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. इलाके में न तो सीवर लाइन है, और न ही सड़क. राखी मंडी के विकास के लिए क्षेत्रीय पार्षद ने कई बार मांग भी उठाई है. डब्ल्यू टू जूही योजना के सीवर, जल निस्तारण, स्ट्रीट लाइट, सड़क के रख-रखाव के लिए केडीए ने 30 मई 1978 को नगर निगम को हैंडओवर कर दी थी. बावजूद इसके इलाके में विकास नहीं हुआ. शहर के मुख्य इलाकों में गिनती होने के बाद भी यहां पर राख के ढेर लगे रहते हैं. क्षेत्रीय मुन्नी देवी ने बताया कि हैंडओवर के बाद भी नगर निगम ने कोई काम नहीं कराया. केडीए की डाली गई सीवर लाइन ध्वस्त हो चुकी है, जिससे सीवर का पानी सड़कों पर बहता रहता है.
पार्षद सुनील कनौजिया ने बताया कि शहर में प्रदूषण होने के बाद भी राखी मंडी में राख के ढेर लगे रहते हैं. उन्होंने बताया कि नगर निगम के सदन में क्षेत्र की समस्या का मुद्दा उठाया जाएगा. वहीं, अधिशासी अभियंता राजवीर सिंह ने बताया कि केडीए द्वारा अभी नगर निगम को राखी मंडी हैंडओवर नहीं हुई है. बीते दिनों राखी मंडी में क्रोमियमयुक्त पानी की समस्या को लेकर प्रमुख सचिव मनोज सिंह को इस बात से अवगत कराया जा चुका है.