कानपुर:विधायक कमल रानी वरुण के निधन के बाद घाटमपुर विधानसभा सीट रिक्त होने के बाद यहां चुनाव होने हैं. इसके चलते जहां सपा-बसपा समेत कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं. वहीं बीजेपी ने उपेंद्र पासवान को मैदान में उतारकर अपना दांव खेला है. 2002 से बीजेपी संगठन कार्यकर्ता होने के साथ बतौर शिक्षक क्षेत्र में कार्यरत उपेंद्र पासवान ने अपनी जीत सुनिश्चित बताया है और जनता जनार्दन की हर समस्या को हल करने का दावा किया है.
बोले भाजपा प्रत्याशी-घाटमपुर की जनता संतुष्ट, जीत निश्चित
कानपुर के घाटमपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी ने उपेंद्र पासवान को मैदान में उतारा है. जिसके बाद उपेंद्र पासवान ताबड़तोड़ जनसभा कर रहे हैं और लोगों से मिल रहे हैं. उनका कहना है कि बीजेपी की जीत सुनिश्चित है.
इनके बीच होगा घाटमपुर का रण
घाटमपुर विधानसभा में जहां कांग्रेस प्रत्याशी डॉक्टर कृपाशंकर, बसपा से कुलदीप शंखवार और सपा से इंद्रजीत गोरी ने उपचुनाव में बिगुल बजा कर जनता को रिझाने का काम जोर-शोर से शुरू कर दिया है, तो वहीं बीजेपी से उपेंद्र पासवान गांव-गांव जाकर ग्रामीणों के साथ बैठक कर जन समस्याओं का जायजा लेते हुए उनका समस्याओं के जल्द निस्तारण का दावा कर रहे हैं.
बीजेपी को सहानुभूति का सहारा
भले ही घाटमपुर में 3 नवंबर को जनता मतदान कर अपने जनार्दन का चयन करेगी, लेकिन उपेंद्र पासवान अभी से ही घाटमपुर की जनता को जीत की बधाई देते हुए नहीं थकते. उपेंद्र पासवान घाटमपुर की जनता की समस्याओं का हर हाल में निस्तारण करने की बात करते हैं. घाटमपुर से विधायक और शिक्षा प्राविधिक मंत्री के असमय देहांत को अपूर्ण क्षति बताते हुए उपेंद्र पासवान को उम्मीद है कि चुनाव में जनता की सहानुभूति के सहारे घाटमपुर में फिर से कमल खिलेगा. हालांकि उपचुनाव में जहां कमल रानी के निधन के दौरान उनकी बेटी को टिकट मिलने की उम्मीद थी तो वहीं पार्टी हाईकमान ने सबको साइडलाइन कर उपेंद्र पर भरोसा जताया है.
मोदी और योगी के सहारे पार होगी नैय्या
उपचुनाव के बीजेपी प्रत्याशी ने बताया कि जनता को अभी भी विकास को लेकर बीजेपी सरकार पर पूर्ण विश्वास है. साथ ही पूरे देश और प्रदेश में विकास की गंगा बह रही है. उन्हीं के विकास के मॉडल को घाटमपुर में भी साकार करेंगे, जिसके कारण उनको जनता का पूरा आशीर्वाद और प्यार अभी भी मिल रहा है. अगर मूलभूत समस्याओं की बात की जाए तो स्वर्गीय कमल रानी वरुण के कार्यकाल में लगभग समस्याओं का निस्तारण किया जा चुका था. बाकी बची हुई समस्याओं के विषय में हम लोग गांव-गांव जाकर बैठक कर लोगों की जन समस्याओं का बीजेपी ही समाधान कर सकती है. बाकी घाटमपुर की जनता बीजेपी के साथ है और इस बार भी हम चुनाव जीतेंगे.
घाटमपुर के यह है जातीय समीकरण
जाति समीकरण के बाद की जाए तो घाटमपुर में 3,25,000 कुल मतदाता हैं, जिसमें दलित मतदाता 1,25,052 बाकी 50,000 अन्य मतदाता हैं. जातीय समीकरणों को साधने के लिए सभी ने अपनी ताकत झोंक दी है.