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Published : Jun 27, 2022, 11:42 AM IST

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International MSME Day: एमएसएमई इकाइयों से लौटा कानपुर का औद्योगिक स्वरूप, जानिए कितने करोड़ का होगा निर्यात कारोबार

आज अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई डे है. इसका उद्देश्य छोटी इकाइयों को बढ़ावा देना है. यूपी के कानपुर में एक साथ 10 से अधिक मिलों का संचालन बंद होने के बाद एमएसएमई इकाइयों से औद्योगिक स्वरूप लौटा. अब कानपुर उद्यमियों की मजबूत इच्छाशक्ति के दम पर अब उद्योगों का नया हब बनने की ओर अग्रसर है.

अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई डे
अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई डे

कानपुर: एक दौर था, जब शहर में 10 से अधिक मिलों का संचालन होता था और यहां के तैयार उत्पादों की विदेशों में जबरदस्त मांग होती थी. पूरी दुनिया में कानपुर को एक अमिट छाप वाली औद्योगिक नगरी की पहचान मिली थी. हालांकि, धीरे-धीरे समय के साथ करीबन सभी मिलों का संचालन बंद हो गया. फिर, शहर में शुरू हुआ एमएसएमई इकाइयों का दौर और देखते-देखते इन इकाइयों में जो उत्पाद बने उनका डंका विदेशों में बजा. इससे कानपुर का औद्योगिक स्वरूप वापस लौटा और यहां के उद्यमियों की मजबूत इच्छाशक्ति के दम पर अब शहर स्टील, एग्रोफूड और सीमेंट समेत कई अन्य उद्योगों का हब बनने की ओर है.

उपायुक्त उद्योग सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि वर्ष 2023 का विभाग की ओर से जो लक्ष्य तय किया गया है, उसके मुताबिक अब शहर की 32 हजार एमएसएमई इकाइयों से 18 हजार करोड़ का निर्यात कारोबार कराना है, जोकि अभी नौ हजार करोड़ रुपये तक सीमित है. उन्होंने बताया कि सूक्ष्म, लघु समेत पूरे प्रदेश में 90 हजार से ज्यादा एमएसएमई पंजीकृत हैं. उनमें से करीब 32000 इकाइयां केवल शहर में ही हैं. इसके साथ ही शहर में नए-नए उद्योग लगने लगे हैं. इस साल सात सीमेंट के मिनी प्लांट के अलावा स्टील की 146 नई इकाइयां शुरू हो गई हैं. एग्रोफूड का नया हब शहर बन रहा है. इस साल इसकी 727 इकाइयां खुली हैं.

अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई डे पर मंत्री राकेश सचान से खास बातचीत

अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक 10 हजार करोड़ रुपये का निर्यात हो चुका
शहर चमड़ा और होजरी उद्योग का हब है. इन दोनों क्षेत्रों में सबसे ज्यादा रोजगार मिल रहा है. इसके अलावा इंजीनियरिंग, प्लास्टिक, पैकेजिंग, फुटवियर, प्लाटिक फुटवियर, पेपर, मशीनरी, बिस्कुट, मेडिकल, रेडीमेड गारमेंट उत्पादों का बड़े पैमाने पर काम होता है. विश्व के अलग-अलग हिस्सों में इनका निर्यात होता है. शहर से इस साल अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का निर्यात हो चुका है. जो अब तक का सर्वाधिक निर्यात है. जानकारों का कहना है कि सरकार की ओर से उद्योगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. ऐसे में आने वाले समय में 15 हजार करोड़ से ज्यादा का निर्यात किया जा सकता है. सरकार निर्यात के लिए सबसे ज्यादा प्रोत्साहन दे रही है.

अब टूल रूम से उद्यमियों की मदद करेंगे
एमएसएमई के संयुक्त निदेशक विष्णु वर्मा ने कहा कि शहर में अधिक से अधिक एमएसएमई इकाइयां स्थापित हों, इसके लिए अब उद्यमियों की टूल रूम के माध्यम से मदद करेंगे. उद्यमियों को टूल रूम की विशेषताएं बताएंगे, जिससे वह जल्द से जल्द अपना उद्यम स्थापित कर सकें.

72 घंटे में उद्यमी लगाएं इकाइयां, तीन साल तक अफसर कुछ नहीं बोलेंगे
एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने कहा कि उद्यमी प्रदेश के सभी जिलों में 72 घंटे के अंदर अपना उद्यम लगा सकते हैं. उन्हें उद्यम स्थापित करने के बाद तीन सालों तक विभागीय अफसर कुछ नहीं बोलेंगे. वहीं, उद्यमियों को आसानी से औद्योगिक क्षेत्रों में जमीनें मिल सकें, इसके लिए अफसरों को निर्देशित कर दिया गया है. खुद सीएम चाहते हैं कि प्रदेश के सभी जिलों में ज्यादा से ज्यादा औद्योगिक इकाइयां स्थापित हों.

यह इकाइयां खुलीं
लेदर गुड्स की 860, होजरी उत्पाद की 217, प्लास्टिक उत्पादों की 621, इंजीनियरिंग गुड्स की 127, एग्रो फूडस की 727 और रेडीमेड गारमेंट की 780 इकाइयां पंजीकृत हुई हैं.

बढ़ता जा रहा शहर में उद्यम पंजीकरण
उद्यम पंजीकरण पोर्टल के अनुसार एक जुलाई 2020 से 31 मार्च 2021 तक 10,989 उद्योगों का पंजीकरण हुआ. एक अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक 18790 उद्योग पंजीकृत हुए. एक अप्रैल 2022 से 26 जून 2022 तक 5082 उद्योगों का पंजीकरण हो चुका है. शहर में कुल 34,861 इकाइयां मौजूदा समय में पंजीकृत हैं. इसमें 2,10810 कर्मचारी काम कर रहे हैं.

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इसलिए मनाया जाता है एमएसएमई डे
संयुक्त राष्ट्र संघ ने अपनी महासभा 2017 में प्रस्ताव पास करके हर साल 27 जून को एमएसएमई डे मनाने की घोषणा की थी. छोटी इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए यह व्यवस्था की गई थी. इसके बाद से हर साल इस दिन एमएसएमई डे मनाया जाता है.

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