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इस शहर में 15 नहीं, 14 अगस्त को फहराया जाता तिरंगा, झूमते हैं आजादी के मतवाले - कानपुर में स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त को

कानपुर में 15 अगस्त को नहीं, बल्कि 14 अगस्त को रात 12 बजे तिरंगा फहराया जाता है. इसके बाद सारी रात आजादी के मतवाले शहरवासियों को बधाई देते हैं और जश्न मनाते हैं. इस संबंध में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शंकर दत्त मिश्रा ने अहम जानकारी दी. आप भी जानिए ऐसा क्यों होता है.

कानपुर
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Published : Aug 13, 2023, 6:46 PM IST

कांग्रेस कमेटी के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट शंकर दत्त मिश्रा से बातचीत

कानपुर: पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस का माहौल बन चुका है. देश भर में 15 अगस्त की सुबह सभी सरकारी कार्यालयों, घरों समेत अन्य स्थानों पर तिरंगा फहराया जाएगा. लेकिन, उप्र के कानपुर की बात पूरी तरह से अलग है. यहां 15 अगस्त की सुबह से पहले 14 अगस्त की रात 12 बजे ही शहर के मेस्टन रोड स्थित तिलक हॉल समेत अन्य स्थानों पर तिरंगा फहरा दिया जाएगा. इसके बाद पूरी रात आजादी के मतवाले झूमते-गाते सभी शहरवासियों को देश की आजादी की बधाई देते हुए जश्न मनाएंगे. यह कोई चौंकाने वाली बात बिल्कुल नहीं है, बल्कि एक ऐसी हकीकत है, जिससे शहर के लाखों लोगों की रगों में दौड़ने वाले खून की रफ्तार तेज हो जाती है.

इस पूरी कवायद को लेकर शहर कांग्रेस कमेटी के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट शंकर दत्त मिश्रा ने ईटीवी भारत संवाददाता से विशेष बातचीत में बताया कि जब देश को 15 अगस्त 1947 में आजादी मिली तो दिल्ली में पं. जवाहरलाल नेहरू ने 14 अगस्त की रात में 12 बजकर एक मिनट पर ही तिरंगा फहरा दिया था. एक वो दिन था और उसके ठीक 77 सालों बाद 14 अगस्त 2023 की रात में 12 बजे हम तिरंगा फहराएंगे. 15 अगस्त की सुबह का इंतजार हम कांग्रेसी न पहले करते थे और न अब करेंगे. उन्होंने कहा कि हर साल 14 अगस्त की रात में 12 बजे का इंतजार लाखों शहरवासी करते हैं. उनके अंदर एक ऐसा उल्लास और उमंग दिखती है, जो शब्दों में बयां नहीं की जा सकती. मेस्टन रोड से लेकर फूलबाग समेत कानपुर के अन्य कई स्थानों पर जगह-जगह तोरण द्वार बनते हैं. पूरी रात लोग आजादी के जश्न में डूबे दिखते हैं.

1947 में सोने और चांदी की सिल्लियों वाले गेट बने थे

वरिष्ठ कांग्रेसी शंकर दत्त मिश्रा ने बताया कि 1947 में तो शहर के फूलबाग में आजादी के उल्लास में जगह-जगह पर सोने व चांदी की सिल्लियों वाले गेट बनाए गए थे. उस दिन को कोई कैसे भूला सकता है. हमें आजादी मिली थी, हम आजाद हुए थे. बस वहीं परंपरा हम निभा रहे हैं. कोविड के दौरान सभी नियमों का पालन करते हुए भी 14 अगस्त की रात में 12 बजे तिरंगा फहराया था.

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