कानपुर:कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ट्रेन की पैंट्री कार में बीती 16 फरवरी की रात को 1करोड़ 40 लाख रुपये मिले थे. वही गाजियाबाद की एक कंपनी ने कई दिनों बाद इन रुपयों को अपना बताया था. अब इस मामले की जांच में एक नया मोड़ आ गया है. गाजियाबाद की जिस कंपनी बी4एस ने इन रुपयों के बारे में दावा किया है, उसका पत्र जीआरपी कानपुर को व्हाट्सएप के माध्यम से दिल्ली की एक एजेंसी से मिला था. जिसे बाद में आयकर विभाग को भेज दिया गया था. इसके बाद आयकर विभाग अब इस कंपनी की जांच पड़ताल में जुट गया है.
ट्रेन में मिले रुपयों के मामले में जीआरपी के साथ आयकर विभाग ने शुरू की जांच
यूपी के कानपुर में ट्रेन में मिले रुपयों के मामले में रुपयों को खुद का बताने वाली कंपनी ने व्हाट्सएप के द्वारा जीआरपी को दावे का पत्र भेजा था. जीआरपी ने इस पत्र को आयकर विभाग को फारवर्ड कर दिया था. जिसके बाद अब इस मामले में आयकर विभाग कंपनी की पड़ताल में जुट गया है.
देने पड़ेंगे जीआरपी और आयकर विभाग के सवालों के जवाब
ट्रेन में मिले रुपयों का दावा करने वाली कंपनी को जीआरपी और आयकर विभाग के कई सवालों के जवाब देने पड़ेंगे. जीआरपी इस पूरे मामले में आयकर की जांच को शामिल करेगी. अब यह पूरा मामला आयकर विभाग के पास है. वहीं जीआरपी इसमें आपराधिक कनेक्शन भी तलाश रही है. जांच में जिन व्यक्तियों के नाम आएंगे उन पर आईपीसी की धाराओं के हिसाब से जीआरपी कार्रवाई करेगी, लेकिन अभी जीआरपी की जांच बेहद धीमी गति से चल रही है.
जीआरपी इंस्पेक्टर राममोहन राय ने बताया कि दावा करने वाली कंपनी ने व्हाट्सएप के माध्यम से पत्र भेजा था. इस पूरे मामले में कई जांच एजेंसियां शामिल हैं. पत्र मिलते ही उन्होंने इसे आयकर विभाग को उपलब्ध करा दिया.