उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

कानपुर: शादी के लिए तरस रहे है गांव के लड़के, जानिये वजह

इन गांवों में पिछले कई वर्षों से कोई बारात नहीं आई. जहां के सैकड़ों लड़के अपने लिए दुल्हन तलाश रहे हैं, लेकिन उन्हें दुल्हन नहीं मिल रही है. लड़कों की शादी नहीं होने के पीछे का कारण बहुत ही अजीबों-गरीब है. आइए आपको बताते हैं कि आखिर इन गांवों के लड़कों की शादी क्यों नहीं हो रही है.

शादी को तरस रहे लड़के

By

Published : Oct 13, 2019, 4:25 AM IST

कानपुर:दिल्ली नेशनल हाइवे के किनारे कुछ ऐसे गांव हैं जहां लड़के आज भी अपने लिए लड़कियों का इंतज़ार कर रहे हैं. ऐसे सैकड़ों लड़कें हैं जो यहां शादी करने के लिए तरस रहे हैं. यहां के लड़के शादी के सपने तो देखते हैं लेकिन शादी के ही कारण वो ये कस्बा छोड़ना नहीं चाहते.

गांव के सभी लड़के हैं कुवारें.
ये है पूरा मामला-इन गांवों का नाम है बदुआपुर, पनकी पड़ाव, जमुई और सरायमिता यहां के लोग गंदगी व दुर्गंध से परेशान है. कानपुर नगर निगम का सॉलिड वेस्टेज कूड़ा प्लांट इन गांवों की समस्यायों की वजह है. कूड़ा प्लांट इन गांवों से सटा हुआ है, जिसकी वजह से गांव में गंदगी, दुर्गंध व बीमारियां फैली रहती है. इसके कारण कोई भी अपनी लड़की की शादी इस गांव में नहीं करना चाहता है.

कूड़ा प्लांट की गंदगी से गांव में दुर्गंध व बीमारियां फैल चुकी है. जिसके कारण लडकों की शादी नहीं हो रही है. गांव के लोगों का कहना है कि रिश्‍ते वाले तो गांव के लड़के देखने के लिए खूब आते है, लेकिन जब वो कूड़ा प्लांट व उससे फैली गांव में गंदगी दुर्गंध को देखते है तो वापस हो जाते है. इतना ही नहीं इन गांवों के ज्‍यादातर लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में है तो वे रिश्ता करने के लिए तैयार नहीं होते हैं. आलम यह है कि कई लोगों की शादी तय होने के बावजूद टूट चुकी है.

गांव के सैकड़ो लड़के घूम रहे कुंवारे-
गांव के सैकड़ो लड़के कुंवारे ही घूम रहे हैं. गांव के ही एक महिला का कहना है कि उनको कूड़ा प्लांट की वजह से दमे की बीमारी है और उनका बेटा शादी के लायक है, लेकिन इस बीमारी और गंदगी के कारण उसकी शादी नहीं हो पा रही है.

कानपुर नगर निगम का यह सॉलिड वेस्टेज कूड़ा प्लांट इन गांवों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. ग्रामीणों ने कूड़ा प्लांट की समस्या को लेकर शासन से प्रशासन तक गुहार लगा चुके है. लेकिन इन ग्रामीणों को केवल आश्वासन ही मिला है. आज तक इनकी समस्यायों का निदान नही हुआ. ग्रामीण आज भी आस लगाए बैठे है कि शायद कोई चमत्कार हो और उनकी ये समस्याएं दूर हो जाये. ताकि कोई उनके लड़को को लड़की देने को तैयार हो जाये.

ABOUT THE AUTHOR

...view details