कानपुर:एशिया का एक ऐसा मंदिर जो कानपुर से महज 45 किलोमीटर दूर घाटमपुर तहसील में स्थित है, जी हां... हम बात कर रहे है, नौ देवियों में मां के चौथे स्वरूप की...जो कि मां कुष्मांडा देवी के नाम से घाटमपुर में स्थित है. इस मंदिर की मान्यता है कि मंदिर प्रांगण में बने तालाब में स्नान करने के दौरान जो भी भक्त माता के दर्शन करता है, उसकी सभी शारीरिक विपदाएं दूर हो जाती हैं. इतना ही नहीं माता की मूर्ति से निकलने वाले नीर को आंख में लगाने से लोगों की नेत्र विकार की समस्या भी दूर हो जाती है. वहीं, नवरात्रों में माता के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं. कोरोना काल के चलते बीते नवरात्रों में जहां कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए मंदिरों के पट नहीं खुल पाए थे. वहीं क्वार के नवरात्रों में कोरोना का कहर कम हो जाने के चलते सभी मंदिरों के पट खोल दिए गए हैं.
माता का चौथा सिद्धपीठ स्वरूप मां कुष्मांडा देवी का मंदिर एशिया में एक मात्र घाटमपुर में स्थित है. नवरात्रों में माता के दर्शन के लिए लाखों की तादात में दूर-दूर से भक्त आते हैं. मंदिर के पुजारी के अनुसार माता को कुमड़ा बहुत प्रिय है. मंदिर में आए भक्तों द्वारा माता को कुमड़े का भोग लगाया जाता है. नवरात्रों के चौथे दिन मंदिर परिसर में भक्तों के जयकारों की गूंज भी देखने को मिली. वहीं, अगर साज-सज्जा की बात की जाए तो मंदिर परिसर को रोशनी से बिखेर दिया गया है. शाम होते मंदिर का यह नजारा किसी अदभुत छटा से कम नहीं लगता.