कानपुरः आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने अपनी एक रिसर्च के जरिए दावा किया है कि कोरोना की तीसरी लहर फरवरी में पीक पर होगी. जितनी तेजी से केस बढ़ेंगे उतनी ही तेजी से केस घटेंगे भी. अप्रैल में यह लहर समाप्ति की ओर होगी. उन्होंने यह भी दावा किया है कि इस बार कि लहर पिछली लहर से कम घातक होगी. लोगों को अस्पताल कम जाना पड़ेगा. इसके पीछे उन्होंने ओमीक्रोन संकट से उबर रहे साउथ अफ्रीका के अध्ययन का हवाला दिया.
उन्होंने कहा कि फरवरी में जब कोरोना की तीसरी लहर पीक पर होगी तब देश में रोज करीब एक से डेढ़ लाख मामले सामने आ सकते हैं. तीसरी लहर दूसरी की अपेक्षा हल्की होगी.
उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में जिस तरीके से मामले सामने आ रहे हैं उन मामलों पर हम करीब से नजर रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती होने वालों की वृद्धि दर नहीं दिखी. उन्होंने कहा कि साउथ अफ्रीका और भारत के लोगों की इम्युनिटी यूरोप के लोगों की तुलना में काफी अच्छी है. इस वजह से साउथ अफ्रीका की तरह देश में भी तेजी से ओमीक्रोन के मामले घटेंगे.
उन्होंने कहा कि हल्की पाबंदी, लॉकडाउन, रात का कर्फ्यू, भीड़ पर प्रतिबंध साथ ही संक्रमण के प्रसार में कमी ला सकता है. उन्होंने कहा कि पिछली लहर में पांच राज्यों में हुई चुनावी रैलियों के अध्ययन में पता चला था कि इससे संक्रमण की रफ्तार बहुत तेज नहीं हुई थी. मौजूदा समय में चुनाव आयोग को इस संबंध में फैसला लेना है.