कानपुरः आईआईटी के शोध छात्र ने दुनिया में नाम रोशन किया है. छात्र ने सौर ऊर्जा से चलने वाला दुनिया का पहला ऐसा मानव रहित यान बनाया है जो एक्ससीरॉन तकनीक से लैस है. इस तकनीक से यूएवी पैनल हमेशा सूर्य की ओर होंगे और उसकी ऊर्जा ग्रहण करेंगे. इस तकनीक ने मराल-2 को अपने पेलोड वर्ग में दुनिया का सर्वाधिक समय तक उड़ने वाला सोलर यूएवी बना दिया है.
आईआईटी कानपुर ने बनाया मानव रहित सोलर यान मराल-2
आईआईटी कानपुर ने तकनीक की दुनिया में एक और कीर्तिमान गढ़ा है. शोध छात्र विजय शंकर द्विवेदी ने मानव रहित यान का अविष्कार किया है. इस यान को तैयार करने में छात्र ने दो साल का समय लिया. वहीं भारतीय नौसेना ने भी इसे पसंद किया है और समुद्र की निगरानी के लिए इसका इस्तेमाल भी कर सकती है.
इस सोलर यूएवी को आईआईटी कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एके घोष और डॉक्टर जी. एम. कामत के दिशा निर्देशन में पीएचडी छात्र विजय शंकर द्विवेदी ने 2 साल के शोध के बाद तैयार किया है. आईआईटी की एयर स्ट्रीप पर 18 घंटे की सफल उड़ान के बाद इस तकनीक को पेटेंट भी करा लिया गया है. इस यूएवी का वजन 12 किलोग्राम है. इसमें निगरानी के पूरे सिस्टम मौजूद हैं. इसकी सबसे खास बात यह है कि इसको पेटेंट मिल चुका है और अब मुंबई की एक कंपनी इसकी वेबसाइट बनाने जा रही है.
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