कानपुर: कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave Of Covid 19) को लेकर आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) ने एक शोध किया है, जिसके मुताबिक इस साल सितंबर-अक्टूबर तक यह अपने चरम पर पहुंच सकता है. इस शोध में तीन तरह के संभावित परिदृश्य बताए गए हैं और उसी के मुताबिक अनुमान जाहिर किए गए हैं. हालांकि, इसमें वैक्सीनेशन के अलावा कुछ और ताजे आंकड़े नहीं जोड़े गए हैं. जिसपर अभी काम चल रहा है और अगले हफ्ते एक और शोध जारी किए जाने की उम्मीद है. इस स्टडी से यह जाहिर हो रहा कि देश को दूसरी लहर जैसा दिन फिर न देखना पड़े, इसके लिए कोविड अनुकूल बर्ताव बहुत ही आवश्यक है.
सर्वाधिक केस अक्टूबर में आने का अनुमान
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर राजेश रंजन और महेंद्र वर्मा और उनकी टीम ने मिलकर कोविड-19 की तीसरी लहर को लेकर एक बहुत ही गंभीर शोध किया है. उस शोध से पता चला है कि तीसरी लहर दूसरी लहर की अपेक्षा ज्यादा भयावह स्थिति व्यक्त कर सकती है और साथ ही उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की है की तीसरी लहर में सितंबर माह में सर्वाधिक केस आने की आशंका व्यक्त की है. उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की है कि लोगों द्वारा कोविड-19 का सही ढंग से पालन न करने पर 1 दिन में 500000 से ज्यादा संक्रमित मामले सामने आ सकते हैं. सर्वाधिक केस अक्टूबर में आने का अनुमान उन्होंने व्यक्त किया है. उन्होंने बताया कि इस वायरस के म्यूटेशन के रूप बदलने पर दूसरी लहर से भी ज्यादा भयानक स्थिति हो सकती है. कई प्रदेशों में तीसरी लहर को लेकर शोध जारी किए जा चुके हैं.
कानपुर आईआईटी विशेषज्ञ अन्य प्रदेशों में तीसरी लहर की स्थिति पर शोध भी कर रहे हैं और वहां का डाटा भी जुटाया जा रहा है. लॉकडाउन प्रदेश में पूरी तरह हटने पर गणितीय आकलन कर सकेंगे और इसमें पता लगाया जा सकेगा कि कोरोनावायरस से हुई मौतों व उससे सही होने वालों की रिपोर्ट तैयार की जा रही है. आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर राजेश रंजन ने बताया कि दूसरी लहर के वायरस के बर्ताव को देखते हुए शोध किया गया है. दूसरी लहर के मामलों को संज्ञान में रखते हुए 15 जुलाई के समय को लिया गया है और इसमें 3 तरह से अनुमान लगाया गया है.