कानपुर : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के चेयरमैन मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन का विवादित वीडियो वायरल होने के बाद, इसकी आग अब कल्याणपुर स्थित राजकीय उन्नयन बस्ती तक पहुंच गई है. यहां के लोगों का आरोप है कि मेट्रो यार्ड बनाने में उनकी जमीन को भी खाली कराने का आदेश उस समय के अधिकारियों ने दिया था. जब उन लोगों ने विरोध किया तो इफ्तिखारुद्दीन ने कहा कि इस्लाम कबूल कर लो जमीन बच जाएगी.
दरअसल, लोगों का कहना था कि सपा सरकार में मेट्रो प्रोजेक्ट पास होने के बाद मेट्रो यार्ड बनाने के लिए जमीने खाली करने की बात, उस समय के अधिकारियों द्वारा कही गई थी. जिसके बाद वहां के निवासी भातू और हबूड़ा जाति के लोग उस समय के कमिश्नर रहे इफ्तिखारूद्दीन के पास फरियाद लेकर गए. मामले में सीटीएस बस्ती के पूर्व अध्यक्ष निर्मल ने बताया कि मुलाकात के दौरान कमिश्नर ने कहा उनकी कोई मांगे नहीं मानी जाएंगी. अगर वह सभी मुस्लिम धर्म स्वीकार करते हैं तो उनकी हर तरह से मदद की जाएगी. इसके बाद कमिश्नर ने उन्हें धार्मिक किताबें भी दी थीं. पूर्व अध्यक्ष निर्मल ने बताया कि उन्होंने उनकी बातों को अस्वीकार कर दिया. सीटीएस बस्ती की ही महिला सलीना और उसके भाई दारा सिंह से भी यही बातें कमिश्नर ने कहीं और कुछ धार्मिक किताबें भी दी थीं.
बीजेपी विधायक ने की कमिश्नर परिसर को गंगाजल से साफ कराने की मांग
कानपुर महानगर के पूर्व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के वायरल वीडियो मामले में, भारतीय जनता पार्टी के बिठूर विधानसभा से विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि कमिश्नर परिसर को गंगाजल से साफ कराने की जरूरत है. विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने कहा- मैंने वीडियो को बारीकी से सुना है. इसमें जो भी कहा गया वह एक आईएएस को शोभा नहीं देता. वह संविधान के खिलाफ हैं. उन्होंने गंभीर अपराध किया है, जिसकी सजा उन्हें मिलनी चाहिए. उन्होंने अपनी सरकार से भी इन पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.
इतना ही नहीं उन्होंने पुरानी सरकारों पर भी आरोप लगाते हुए कहा- धर्मांतरण गैंग के पीछे उत्तर प्रदेश की पिछली सरकारों का हाथ है. योगी सरकार आने के बाद से बैंक के दरिंदे पकड़े जा रहे हैं. इतना ही नहीं समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए अभिजीत सिंह सांगा ने कहा कि जब सपा सरकार थी तब ऐसे अधिकारियों को बढ़ावा मिला हुआ था. उस वक्त जब यह कमिश्नर ऑफिस में तैनात थे, तो सरकारी ऑफिसों में रखी मां सरस्वती की प्रतिमा को भी हटवा देते थे. बीजेपी ने इनके खिलाफ आंदोलन भी किया था, लेकिन सपा सरकार ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की थी.
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आपको बता दें कि कानपुर के पूर्व कमिश्नर इफ्तिखारुद्दीन का विडियो वायरल होने के बाद, उत्तर प्रदेश शासन द्वारा एसआईटी से जांच के आदेश दिए गए हैं. एसआईटी के अध्यक्ष डीजी सीबीसीआईडी जीएल मीणा होंगे एवं सदस्य एडीजी कानपुर जोन भानु भास्कर होंगे. एसआईटी अपनी रिपोर्ट 7 दिन में शासन को प्रेषित करेगा. वहीं कानपुर के पूर्व कमिश्नर मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन का वीडियो वायरल होने के बाद यूपी में हंगामा मच गया है. क्योंकि यह वीडियो ऐसे वक्त पर आया है जब यूपी में धर्म परिवर्तन गिरोह के खिलाफ बड़े पैमाने पर मुहिम चल रही है. फिलहाल इफ्तिखारुद्दीन लखनऊ में परिवहन विभाग में तैनात हैं. वे पांच साल पहले कानपुर में कमिश्नर के पोस्ट पर थे. वीडियो में कानपुर का जिक्र है.